जैसलमेर. जिले की फतहगढ़ तहसील के श्री देगराय मन्दिर के तालाब (Migratory Bird large Cormorant seen in Jaisalmer) में पर्यावरण संरक्षक सुमेर सिंह भाटी सांवता ने तालाब व ओरण में वन्यजीवों व पक्षियों की दैनिक निगरानी करते समय मछली खाने वाले प्रवासी पक्षी लार्ज कोरमोरांट को पहली बार देखा. इसकी सूचना उन्होंने टीम ओरण सदस्य पर्यावरण प्रेमी पार्थ जगाणी को दी.
पार्थ जगाणी ने बताया कि लार्ज कोरमोरांट जिसे हिंदी में बड़ा पनकौआ कहते हैं, सर्दियों में जैसलमेर के गड़ीसर तालाब, जोशीडा तालाब व इंदिरा गांधी नहर में प्रत्येक वर्ष नजर आता है. लेकिन श्री देगराय ओरण क्षेत्र में यह पहली बार देखा गया है. यह पक्षी समुद्री किनारों और यूरोप, एशिया व ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड के अंदर ताजे पानी की नदियों, झीलों व तालाबों में सामान्यतः पाया जाता है. इसका रंग काला व चेहरे पर पीलापन होता है. पानी में मछली पकड़ने के लिए यह 5 मीटर की गहराई तक गोते लगाता है. जैसलमेर के तालाबों में यह सम्भवतः हिमालयी क्षेत्रों से सर्दियों के प्रवास पर पहुंचता है.
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पर्यावरण संरक्षक सुमेर सिंह भाटी बताते हैं श्री देगराय ओरण के मुख्य तालाब पर इससे पहले भी बड़े मछलीखोर पक्षी डेलमीशियन पेलिकन, रोजी पेलिकन देखे जा चुके हैं. ये इस बात का सूचक है कि इस ओरण और तालाब का वातावरण मछलीखोर जलीय पक्षियों के लिए उपयुक्त है. लेकिन अत्यधिक मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न व्यवधानों के कारण यह पक्षी यहां ज्यादा दिन रुक नहीं पाते. यहां तालाब के आगौर में मौजूद बिजली हाईटेंशन लाईनों से टकराकर पिछले तीन वर्षों में कुछ पेलिकन पक्षी मारे भी गए हैं.