जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले में राज्य पक्षी गोड़ावण को लेकर बड़ी व सुखद खबर सामने आई है. मरूस्थल में एक बार फिर राज्य पक्षी गोड़ावण के कुनबे में नए मेहमान के आगमन से पक्षी प्रेमियों में ख़ुशी की लहर है. जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्र सम में बने गोड़ावण ब्रीडिंग सेंटर में एक मादा गोड़ावण के अंड़े से एक गोड़ावण ने जन्म लिया है. तीन साल के लंबे इंतजार के बाद सम क्षेत्र में गोड़ावण ब्रीडिंग सेंटर में ख़ुशी आई है. गोड़ावण कुनबे में बढ़ोतरी की जानकारी केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर की है.
जैसलमेर के डेजर्ट नेशलन पार्क के जिला वन अधिकारी आशीष व्यास ने बताया कि सम ब्रीडिंग सेंटर में एक गोड़ावण के अण्डे से चूजा बाहर आया है जो कि अब विशेषज्ञों की देखरेख में है और पूरी तरह से स्वस्थ है. उन्होंने बताया कि 21 दिन पूर्व उठाए गए इस अंड़े से भी मादा गोड़ावण निकली है. उन्होंने बताया कि यह मेटिंग पूरी तरह से कृत्रिम है. नए मेहमान के आने से अब कुल मिलाकर 23 गोडावण हो चुके हैं. व्यास ने बताया कि नए चूजे को जन्म देने वाली मादा गोड़ावण स्वयं भी
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जिले के रामदेवरा इलाके में बीते दिनों एक अंड़े के रूप में मिली थी. जिसके बाद उसे ब्रीडिंग सेंटर लाकर उसका लालन-पालन व नर मादा मेटिंग भी सम स्थित इसी ब्रीडिंग सेंटर में हुई थी. व्यास की मानें तो गोड़ावण ब्रीडिंग सेंटर में 8 विशेषज्ञ सहित वेटेनरी डॉक्टर भी गोड़ावणों की देखरेख व ब्रीडिंग के कार्य में लगे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की मेहनत व सजग रहने का ही परिणाम है कि डेजर्ट नेशनल पार्क में बनाए गए हेचरी सेंटर में अंड़ों को वैज्ञानिक तरीके से सेजकर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं. व्यास ने बताया कि यह सम में स्थित हेचरी सेंटर गोड़ावण संरक्षण को लेकर कई मायनों में सफल साबित हो रहा है.