जैसलमेर. जिले में इन दिनों किसानों की ओर से सहकारी समितियों पर लगातार भ्रष्टाचार और गबन के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. हाल ही में जैसलमेर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. जिले के राघवा गांव के किसानों ने ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक पर गंभीर आरोप लगाए.
किसानों ने कहा कि उन्होंने पूर्व में जो ऋण लिया था, वो सरकार की ओर से माफ कर दिया गया था. उसके बाद उन्होंने कोई ऋण नहीं लिया. फिर भी उनके खातों को बंद कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है, और उसके बारे में व्यवस्थापक की ओर से संतोषप्रद जवाब भी नहीं दिया जा रहा है. किसानों को डिफॉल्टर घोषित करने के कारण फिलहाल हो रहे खरीफ ऋण का लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है.
किसानों ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने एक बार ही ऋण लिया और वह सरकार की ओर से माफ कर दिया गया है. उसके बाद भी राघवा गांव के 50 से 60 किसानों के खातों में बकाया बताया जा रहा है और उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है. ऐसे में किसानों को आशंका है कि व्यवस्थापक ने बिना किसानों की जानकारी के उनके नाम के ऋण उठाए हैं.
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किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मांग की है कि, वे तत्काल इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी को आदेश दें, और राघवा ग्राम सेवा समिति के किसानों के खातों की जांच कर उसकी सूचना किसानों को उपलब्ध कराएं.
गौरतलब, है कि जैसलमेर में पिछले लंबे समय से सहकारी सेवा समिति के कई व्यवस्थापकों पर गबन और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप किसानों की ओर से लगाए जा रहे हैं. लेकिन जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. ऐसे में किसानों को अब उम्मीद है कि जिला कलेक्टर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए किसानों को न्याय दिलाएंगे.