जैसलमेर. जिले में निकाय चुनाव के मतदान के बाद अब सभापति की दौड़ तेज हो गई है. ऐसी खबरें सामने आने लगी है कि मतदान समाप्ति के बाद संभावित दावेदारों ने अपने-अपने समर्थकों और निर्दलीय प्रतियाशियों से संपर्क कर बाड़ाबंदी शुरू कर दी है.
बता दें कि मतदान के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी जीत के साथ बोर्ड पर काबिज होने के दावे कर रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के अनुसार इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों को स्पष्ट बहुमत मिलने के कम आसार हैं. निर्दलीय इस बार निर्णायक साबित हो सकते है. जानकारों के अनुसार जिस प्रकार से कांग्रेस में घमासान चल रहा है. उससे लग रहा है कि सभापति उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस के दिग्गज खुलकर आमने सामने होगें क्योंकि दोनों ही गुट अपने चहेते को सभापति बनाना चाहते हैं.
प्रदेश सरकार के कैबीनेट मंत्री सालेह मोहम्मद और विधायक रूपाराम धनदे के बीच पहले टिकट वितरण को लेकर तनातनी हुई. अब मतदान के बाद कांग्रेस ने बाड़ाबंदी की है. जिसमें कांग्रेस दो धड़ों में नजर आ रही है. जिसमें दोनों अपने-अपने खेमे के पार्षद प्रत्याशियों को मतदान के बाद ले साथ लेकर गए. कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद और विधायक रूपाराम धनदेव अपनी पसंद का सभापति बनाना चाहते हैं. फकीर गुट का दांव निर्विरोध निर्वाचित हरिवल्लभ कल्ला पर है.
वहीं धनदे की लिस्ट में कमलेश छंगाणी, प्रवीण सुदा शामिल हैं. ऐसे में यह लग रहा है की सभापति उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस के दिग्गज खुलकर आमने सामने होंगे. जिससे विवाद बढ़ने की पूरी आशंका जताई जा रही है.
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कांग्रेस के दोनों गुटों ने अपना सभापति बनाने के लिए बाड़ाबंदी कर दी है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने इस बात को सिरे से नकार दिया. नेताओं ने इसे सोशल मीडिया और मीडिया की उपज बताया. साथ ही कहा कि उनके सभी प्रत्याशी पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं. ये भाजपा द्वारा किया गया उपक्रम है.