जयपुर. योजना भवन के बेसमेंट में करोड़ों की नकदी और सोना मिलने के मामले में डीओआईटी के निलंबित संयुक्त निदेशक को कोर्ट ने चार दिन की ईडी रिमांड पर सौंप दिया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच अधिकारी से पूछा कि इस साल अब तक कितने मामले दर्ज किए गए हैं. आईओ ने 24 प्रकरण दर्ज होने की जानकारी दी. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ईडी आजकल छोटे-छोटे मामले भी अपने हाथ में लेने लगी है. ऐसे मामले सामान्य भ्रष्टाचार से जुडे हैं, लेकिन ईडी जांच में शामिल हो जाती है.
वहीं, आरोपी वेद प्रकाश के रिमांड लेने पर सवाल करते हुए कोर्ट ने पूछा कि जब रुपए और सोने की बरामदगी हो चुकी है और एसीबी आरोप पत्र भी पेश कर चुकी है व आरोपी से कोई बरामदगी नहीं होती है तो फिर उसे रिमांड पर लेने की क्या जरूरत है. इस पर आईओ ने कहा कि आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है. वहीं, बरामद राशि व सोने का स्त्रोत की जानकारी भी लेनी है. ऐसे में रिमांड की जरूरत है.
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ईडी के रिमांड मांगने का विरोध करते हुए वेद प्रकाश के वकील ने कहा कि ईडी ने बुधवार को सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक आरोपी के आवास पर सर्च की. इस दौरान ईडी ने उससे पूछताछ भी की. वहीं, देर रात गिरफ्तार करने के बाद आरोपी रातभर व दोपहर पौने तीन बजे तक ईडी की हिरासत में रहा है. यदि आरोपी ईडी के अनुसार जवाब नहीं देता तो वह मानकर चलती है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इसके अलावा उसके कार्यालय से जारी टेंडर आदि की जानकारी कार्यालय से ली जा सकती है, जिसमें आरोपी को रिमांड पर लेने की जरूरत नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को 14 अगस्त तक ईडी को रिमांड पर सौंप दिया है.
दूसरी ओर एसीबी कोर्ट ने पीएचईडी भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में ठेकेदार पदमचंद की पुलिस रिमांड को एक दिन के लिए बढ़ा दिया है. वहीं, एसीबी ने पांच अन्य आरोपियों माया लाल, प्रदीप, मलकेत सिंह, राकेश और प्रवीण को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने की गुहार की. इस पर अदालत ने पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया है.