जयपुर. शहर के चार बड़े इलाकों के लाखों लोगों को बीसलपुर बांध का पानी मिलने की उम्मीद दम तोड़ती नजर आ रही है. जयपुर के 4 बड़े इलाकों खो नागोरियान, जामडोली, जगतपुरा महल रोड और आमेर में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत है.
वहीं विभाग ने यहां की करीब साढे 4 लाख से ज्यादा आबादी को बीसलपुर का पानी पहुंचाने के लिए 174 करोड़ रुपये का एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते यह प्रोजेक्ट समय में पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है. हालांकि चीफ इंजीनियर आईडी खान का कहना है कि वर्क ऑर्डर देने और सर्वे आदि में जो टाइम लगता है. वही टाइम इस प्रोजेक्ट में लगा है. अगले डेढ़ से 2 साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और यहां की आबादी को बीसलपुर का पानी पीने के लिए मिल जाएगा. उन्होंने साफ किया कि विभाग की ओर से प्रोजेक्ट को पूरा करने में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है.
जानकारी के मुताबिक पिछली भाजपा सरकार में आचार संहिता से पहले इस प्रोजेक्ट की मंजूरी वित्त विभाग से मिल चुकी थी. इसके बावजूद भी काम कछुआ चाल से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट से आमेर, जामडोली, खो नागोरियान , जगतपुरा महल रोड और पाइप लाइन बिछाई जाने का प्रस्ताव था. ताकि यहां की साढ़े 4 लाख से ज्यादा आबादी को बीसलपुर का पानी मिल सके. वर्तमान में इन पानी की किल्लत वाले चारों इलाकों में जलदाय विभाग द्वारा टैंकर से पानी सप्लाई की जा रही है.
चीफ इंजीनियर आईडी खान ने बताया कि जगतपुरा महल रोड में 59 करोड़, जामडोली में 34 करोड़, खो नागोरियान में 57 करोड़ और आमेर में 24 करोड़ की लागत से यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाना है. यहां टंकियां बनाकर उन टंकियों से पाइप लाइन को जोड़कर घर-घर पानी पहुंचाया जाना है. खान ने बताया कि जगतपुरा महल रोड पर काम शुरू कर दिया गया है. वहां पाइप लाइन बिछाने का काम, सी डब्ल्यू आर, एस आर का काम शुरू कर दिया गया है. सर्वे का भी काम जारी है. खो नागोरियान में सर्वे पूरा हो चुका है और पाइप भी आ चुके हैं. एसआर के लिए भी जगह चिन्हित कर ली गई है. इसके अलावा जामडोली में ठेकेदार और विंभाग में मतभेद था, वो भी खत्म हो गया है.
जब आईडी खान से प्रोजेक्ट में देरी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि काम में देरी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जब वर्क ऑर्डर दिया जाता है. उसके 10 दिन बाद कॉन्टेक्टर काम करना शुरू करता है और वह भी दोबारा सर्वे करवाता है. उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूआर बनता है. उसकी मिट्टी की भी जांच की जाती है. इसमें 2 से 3 महीने लग जाते हैं और पाइप सप्लाई में भी एक से डेढ़ महीना लगता है. खान ने कहा कि 2 प्रोजेक्ट के लिए पाइप आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि जल्दी पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा और तीसरे प्रोजेक्ट के लिए पाइपों के लिए आर्डर कर दिया गया है.
साढ़े चार लाख आबादी को मिलेगा फायदा-
खो नागोरियान- 2 लाख
जगतपुरा महल रोड- 1 लाख
जामडोली- 1 लाख
आमेर- 50 से 60 हजार