नई दिल्ली: सीबीएसई की टीम ने सितंबर में राजस्थान और दिल्ली में कई स्कूलों में औचक निरीक्षण किए थे. इस दौरान बोर्ड से संबद्ध 27 स्कूलों में कई तरह की खामियां पाई गई थी. इनमें 22 स्कूल दिल्ली और 5 स्कूल राजस्थान के शामिल हैं. राजस्थान के स्कूलों में दो स्कूल सीकर जिले और तीन स्कूल कोटा जिले में स्थित हैं. इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि स्कूल बोर्ड के संबद्धता और परीक्षा उपनियमों के अनुसार छात्रों की नियमित उपस्थिति के मानदंडों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
निरीक्षण के दौरान सीबीएसई के अधिकारियों को बड़ी संख्या में इन स्कूलों में छात्र अनुपस्थित मिले. इतना ही नहीं कक्षा 9वीं और 12वीं में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण 21 विद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी गई. इससे पहले स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था.
सीबीएसई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार,''अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति वाले अग्रणी राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के रूप में, लंबे समय से शैक्षिक सुधारों को आगे बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसलिए बच्चों की बिना उपस्थिति के सिर्फ कागजों में स्कूल चलाने के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहे हैं. जिससे आगे इस तरह के स्कूल चलाने वालों को कड़ा संदेश दिया जा सके. बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करेगा कि स्कूल वैध और नैतिक शैक्षिक प्रथाओं का पालन करें. इसलिए छह स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी से सेकेंडरी स्कूल के रूप में डाउनग्रेड करने की भी कार्रवाई की गई है."
बता दें, सीबीएसई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह निरीक्षण सितंबर माह में किए गए थे. बोर्ड द्वारा स्कूलों द्वारा प्रस्तुत उत्तरों की विस्तार से जांच की गई. लेकिन स्कूलों के जवाब से बोर्ड संतुष्ट नहीं हुआ और मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की गई.
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