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'मधुमक्खियों के छत्ते पर पत्थर न फेंके': तमिलानडु के CM ने केंद्र को दी कड़ी चेतावनी - MK STALIN

तमिलनाडु के सीएम ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शिक्षा के विकास के लिए नहीं लाई गई, हिंदी के विकास के लिए लायी गयी है.

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एम.के.स्टालिन. (File Photo) (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 22, 2025, 6:26 PM IST

कुड्डालोर: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने शुक्रवार 21 फरवरी को कुड्डालोर जिले के मंजाकुप्पम मैदान में आयोजित एक सरकारी समारोह में 704.89 करोड़ रुपये की लागत वाली 602 पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया. 384.41 करोड़ रुपये की लागत वाली 178 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी. उन्होंने 44,689 लाभार्थियों को 386 करोड़ रुपये की कल्याण सहायता भी प्रदान की.

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा, "सरकार तमिलनाडु में शिक्षकों और छात्रों को दिए जाने वाले 2,152 करोड़ रुपये देने से इनकार कर रही है. मैंने मुख्यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इसे देने के लिए कहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा है, 'शिक्षा में राजनीति न करें'. क्या त्रिभाषी नीति लागू करना राजनीतिक नहीं है? क्या बहुभाषी भारत में एक-भाषा नीति राजनीतिक नहीं है? क्या किसी परियोजना के लिए धन की शर्तें लागू करना राजनीतिक नहीं है?"

एमके स्टालिन द्वारा कुड्डालोर में घोषित नई परियोजनाएंः

  1. थिट्टाकुडी और वृद्धाचलम क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए वेलिंगटन झील के किनारों को मजबूत किया जाएगा तथा 130 करोड़ रुपये की लागत से नहर का पुनर्निर्माण किया जाएगा.
  2. मंजाकुप्पम स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों को 35 करोड़ रुपये की लागत से सार्वजनिक उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा.
  3. पनरुति विधानसभा क्षेत्र में विधायक वेलमुरुगन के अनुरोध को स्वीकार करते हुए 15 करोड़ रुपये की लागत से एक सरकारी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय का स्थापना किया जाएगा.
  4. भुवनागिरी और चिदंबरम क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से मुदलुर से सेठियाथोपु तक दो लेन वाली सड़क को चार लेन वाली सड़क में अपग्रेड किया जाएगा.
  5. नेवेली क्षेत्र में केडिलम नदी के तट पर स्थित सेम्मेडु, सिरुवथुर और एलांथमपट्टू गांवों में 36 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ नियंत्रण और पुनर्वास कार्य किए जाएंगे.
  6. तिरुवनंतपुरम मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाने के लिए एम. पुथुर से तिरुवनंतपुरम तक सड़क का सुधार किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 7 करोड़ रुपये होगी.
  7. कुरिंजिपडी में 6.5 करोड़ रुपये की लागत से एक नया तालुक कार्यालय भवन बनाया जाएगा.
  8. वीरनम झील, जो कि कट्टुमन्नारकोइल, चिदंबरम और भुवनागिरी क्षेत्रों के लिए सिंचाई का स्रोत है का सुधार 63.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा.
  9. कुड्डालोर तालुक में, मानसून के मौसम में बाढ़ से होने वाली क्षति को कम करने के लिए 57 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से थेनपेनई नदी पर बाढ़ नियंत्रण कार्य किया जाएगा.
  10. मातृभाषा तमिल की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले छात्र रसेन्द्रन के स्मारक का जीर्णोद्धार किया जाएगा.

मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर न फेंकेंः तमिलनाडु को पीएम श्री योजना स्वीकार न करने से 5000 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसा कहने वाले केंद्रीय मंत्री को हमें यह बताने में बस एक सेकंड लगता है कि आप तमिलनाडु से जो टैक्स ले रहे हैं, वह हम नहीं देंगे. उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के विकास के लिए नहीं लाई गई है. इसे हिंदी के विकास के लिए लाया गया है. मैं केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दे रहा हूं. मधुमक्खियां के छत्ते पर पत्थर न फेंकें."

इसे भी पढ़ेंः DMK और छात्रों का राष्ट्रीय शिक्षा नीति और फंड न जारी करने पर केंद्र के खिलाफ हल्लाबोल, केंद्र के ऑफिसों के सामने प्रदर्शन

इसे भी पढ़ेंः आरक्षण आंदोलन के 21 शहीदों को सम्मान: तमिलनाडु में 5.70 करोड़ की लागत से बना स्मारक

कुड्डालोर: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने शुक्रवार 21 फरवरी को कुड्डालोर जिले के मंजाकुप्पम मैदान में आयोजित एक सरकारी समारोह में 704.89 करोड़ रुपये की लागत वाली 602 पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया. 384.41 करोड़ रुपये की लागत वाली 178 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी. उन्होंने 44,689 लाभार्थियों को 386 करोड़ रुपये की कल्याण सहायता भी प्रदान की.

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा, "सरकार तमिलनाडु में शिक्षकों और छात्रों को दिए जाने वाले 2,152 करोड़ रुपये देने से इनकार कर रही है. मैंने मुख्यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इसे देने के लिए कहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाब देते हुए कहा है, 'शिक्षा में राजनीति न करें'. क्या त्रिभाषी नीति लागू करना राजनीतिक नहीं है? क्या बहुभाषी भारत में एक-भाषा नीति राजनीतिक नहीं है? क्या किसी परियोजना के लिए धन की शर्तें लागू करना राजनीतिक नहीं है?"

एमके स्टालिन द्वारा कुड्डालोर में घोषित नई परियोजनाएंः

  1. थिट्टाकुडी और वृद्धाचलम क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए वेलिंगटन झील के किनारों को मजबूत किया जाएगा तथा 130 करोड़ रुपये की लागत से नहर का पुनर्निर्माण किया जाएगा.
  2. मंजाकुप्पम स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों को 35 करोड़ रुपये की लागत से सार्वजनिक उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा.
  3. पनरुति विधानसभा क्षेत्र में विधायक वेलमुरुगन के अनुरोध को स्वीकार करते हुए 15 करोड़ रुपये की लागत से एक सरकारी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय का स्थापना किया जाएगा.
  4. भुवनागिरी और चिदंबरम क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से मुदलुर से सेठियाथोपु तक दो लेन वाली सड़क को चार लेन वाली सड़क में अपग्रेड किया जाएगा.
  5. नेवेली क्षेत्र में केडिलम नदी के तट पर स्थित सेम्मेडु, सिरुवथुर और एलांथमपट्टू गांवों में 36 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ नियंत्रण और पुनर्वास कार्य किए जाएंगे.
  6. तिरुवनंतपुरम मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाने के लिए एम. पुथुर से तिरुवनंतपुरम तक सड़क का सुधार किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 7 करोड़ रुपये होगी.
  7. कुरिंजिपडी में 6.5 करोड़ रुपये की लागत से एक नया तालुक कार्यालय भवन बनाया जाएगा.
  8. वीरनम झील, जो कि कट्टुमन्नारकोइल, चिदंबरम और भुवनागिरी क्षेत्रों के लिए सिंचाई का स्रोत है का सुधार 63.5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा.
  9. कुड्डालोर तालुक में, मानसून के मौसम में बाढ़ से होने वाली क्षति को कम करने के लिए 57 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से थेनपेनई नदी पर बाढ़ नियंत्रण कार्य किया जाएगा.
  10. मातृभाषा तमिल की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले छात्र रसेन्द्रन के स्मारक का जीर्णोद्धार किया जाएगा.

मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर न फेंकेंः तमिलनाडु को पीएम श्री योजना स्वीकार न करने से 5000 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसा कहने वाले केंद्रीय मंत्री को हमें यह बताने में बस एक सेकंड लगता है कि आप तमिलनाडु से जो टैक्स ले रहे हैं, वह हम नहीं देंगे. उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के विकास के लिए नहीं लाई गई है. इसे हिंदी के विकास के लिए लाया गया है. मैं केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दे रहा हूं. मधुमक्खियां के छत्ते पर पत्थर न फेंकें."

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