जयपुर. विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की ओर से आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को लेकर पूर्व मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी ने निंदा की. उन्होंने कहा कि आरएसएस पर कोई उंगली नहीं उठा पाया है और ना ही आगे उठा पाएगा. देवनानी ने यह भी कहा कि जिस शिव सेना ने सोनिया गांधी को विदेशी कहा उसी के साथ कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार बना रही है.
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा विधानसभा में संविधान और देश को आगे ले जाने पर चर्चा होनी थी. लेकिन संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने जिस तरह से आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार किया वह निंदनीय है. अगर उन्हें वास्तव में लोकतंत्र की बात करनी थी तो वे शाहबानो प्रकरण की बात करते.
कांग्रेस ने अब तक 81 बार देश में राष्ट्रपति शासन लगाया तो यह कौन से लोकतंत्र की बात थी. देवनानी ने कहा कि हम चाहते थे कि आज राजनीतिक बात नहीं हो. साथ ही पूर्व मंत्री ने कहा कि वह संप्रभुता की बात करते हैं. नेहरू जी के समय हमारी सेना जीत रही थी फिर उस समय नेहरू जी ने पाक अधिकृत कश्मीर क्यों बनने दिया. देवनानी ने कहा नेहरू जी ने उस समय आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया, जिसे कोर्ट ने हटाया लेकिन उसकी कोई चर्चा नहीं की.
पूर्व शिक्षा मंत्री वासूदेव देवनानी ने कहा कि आपातकाल के समय मीडिया पर प्रतिबंध लगाना, संसद का समय पांच से 6 वर्ष कर देना और बोलने की आजादी खत्म करना ये लोकतंत्र पर प्रहार था.
कांग्रेस की विचारधारा पर क्या कहा देवनानी ने-
विचारधारा को लेकर भी देवनानी ने कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि जिस शिवसेना ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की, सोनिया गांधी को विदेशी कहा, हमेशा भगवा की बात करते हैं. उस पार्टी के साथ कांग्रेस महाराष्ट्र में सरकार बना रही है. देवनानी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि रूपवास में निकाय चुनाव में कैसे कांग्रेस ने रातों-रात ही अध्यक्ष को कांग्रेस की सदस्य दिला दी. बसपा के विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. इन सब बातों पर कांग्रेस को विचार करना पड़ेगा.
RSS पर कोई उंगली नहीं उठा पाएगा
देशभक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा देशभक्त आरएसएस में ही हैं. उसकी स्थापना ही देशभक्ति को लेकर हुई है. देवनानी ने शांति धारीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर सदन में ऐसा कहा, जिससे सदन में अशांति रहे.
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देवनानी ने कहा कि 1962 में जब चाइना ने भारत पर आक्रमण किया था उस समय नेहरु जी ने RSS को 26 जनवरी की परेड के लिए आमंत्रित किया था. यदि देश में कोई विपदा आती है तो आरएसएस के स्वयं सेवक हर जगह मिलते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में जब कबायली आगे बढ़ रहे थे, तो उस समय सेना को आरएसएस ने ही बारूद ले जाकर दिया था. देवनानी ने कहा आज तक आरएसएस पर कोई उंगली नहीं उठा पाया है और ना ही आगे उठा पाएगा.