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गहलोत सरकार स्कूल फीस को लेकर स्पष्ट नीति लागू करेः पूर्व शिक्षा मंत्री

पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर स्पष्ट नीति लागू करे. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन महीने में फीस स्थगित करने कि घोषणा कर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की लेकिन इससे अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिल सकी है. देवनानी ने कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है.

स्कूल फीस को लेकर स्पष्ट नीति, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, कांग्रेस किसान विरोधी,  clear policy regarding school fees,  Former Education Minister Vasudev Devnani
स्कूल फीस को लेकर स्पष्ट नीति
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Published : Sep 29, 2020, 10:21 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 10:16 AM IST

जयपुर. देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार को शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से लेते हुए इस मामले का उचित समाधान निकालना चाहिए. कोरोना महामारी के कारण अभिभावकों के रोजगार प्रभावित हो रहे हैं तथा बच्चे भी विद्यालयों में अध्ययन के लिए नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे अपने बच्चों की फीस जमा करवा सकें.

आगे देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार निजी विद्यालयों की फीस के सम्बंध में हाई कोर्ट के आदेश की पालना भी नहीं करवा पा रही है. कोर्ट के आदेशानुसार मात्र ट्यूशन फीस का 70 प्रतिशत शुल्क स्कूल फीस के रूप में लिया जा सकता है जबकि निजी स्कूल कहीं पूरी फीस तो कहीं ट्यूशन फीस के साथ अन्य शुल्कों को जोड़कर उसका 70 प्रतिशत वसूल रहे हैं. कई विद्यालय अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं कि पूरी फीस जमा नहीं कराने पर बच्चों के बोर्ड के फार्म नहीं भरवाए जाऐंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना और सरकारी निर्देशों की पालना नहीं करने वाले प्रदेश के एक भी विद्यालय के विरूद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे कई निजी विद्यालय बिना किसी डर के अभिभावकों के शोषण पर उतारू है. उन्होंने कहा कि सरकार को एसे विद्यालयों के विरूद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस किसान विरोधी है-

नए कृषि कानूनों का विरोध करने एवं उनके खिलाफ कानून लाने के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस पर पलटवार करते कहा कि 70 सालों से देश के किसानों को लूटने वाली कांग्रेस आज झूठी हमदर्दी का खेल खेलते हुए किसान आंदोलन के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेक रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह किसान विरोधी है. किसान हितैषी केन्द्र के इन तीन कृषि कानूनों का विरोध करना कांग्रेस की किसान विरोधी मानसिकता को ही उजागर करता है.

ये भी पढ़ें: जोधपुर: 'नो मास्क नो एंट्री' अभियान में अब निजी संस्थान भी आने लगे आगे

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देवनानी ने कहा कि देश का किसान ही नहीं बल्कि आमजन भी कांग्रेस के चरित्र और चेहरे को समझ चुके हैं. किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस दोहरी राजनीति कर रही हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि कभी कांग्रेस के खुद के घोषणा पत्र में जो बातें शामिल थी उन्हें मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून के रूप में लागू किये जाने पर विरोध करना इस बात को दर्शाता है कि कांग्रेस कभी किसानों की हितैषी नहीं रही.

जयपुर. देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार को शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से लेते हुए इस मामले का उचित समाधान निकालना चाहिए. कोरोना महामारी के कारण अभिभावकों के रोजगार प्रभावित हो रहे हैं तथा बच्चे भी विद्यालयों में अध्ययन के लिए नहीं जा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे अपने बच्चों की फीस जमा करवा सकें.

आगे देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार निजी विद्यालयों की फीस के सम्बंध में हाई कोर्ट के आदेश की पालना भी नहीं करवा पा रही है. कोर्ट के आदेशानुसार मात्र ट्यूशन फीस का 70 प्रतिशत शुल्क स्कूल फीस के रूप में लिया जा सकता है जबकि निजी स्कूल कहीं पूरी फीस तो कहीं ट्यूशन फीस के साथ अन्य शुल्कों को जोड़कर उसका 70 प्रतिशत वसूल रहे हैं. कई विद्यालय अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं कि पूरी फीस जमा नहीं कराने पर बच्चों के बोर्ड के फार्म नहीं भरवाए जाऐंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना और सरकारी निर्देशों की पालना नहीं करने वाले प्रदेश के एक भी विद्यालय के विरूद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे कई निजी विद्यालय बिना किसी डर के अभिभावकों के शोषण पर उतारू है. उन्होंने कहा कि सरकार को एसे विद्यालयों के विरूद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस किसान विरोधी है-

नए कृषि कानूनों का विरोध करने एवं उनके खिलाफ कानून लाने के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस पर पलटवार करते कहा कि 70 सालों से देश के किसानों को लूटने वाली कांग्रेस आज झूठी हमदर्दी का खेल खेलते हुए किसान आंदोलन के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेक रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह किसान विरोधी है. किसान हितैषी केन्द्र के इन तीन कृषि कानूनों का विरोध करना कांग्रेस की किसान विरोधी मानसिकता को ही उजागर करता है.

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देवनानी ने कहा कि देश का किसान ही नहीं बल्कि आमजन भी कांग्रेस के चरित्र और चेहरे को समझ चुके हैं. किसानों के हित में केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस दोहरी राजनीति कर रही हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि कभी कांग्रेस के खुद के घोषणा पत्र में जो बातें शामिल थी उन्हें मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून के रूप में लागू किये जाने पर विरोध करना इस बात को दर्शाता है कि कांग्रेस कभी किसानों की हितैषी नहीं रही.

Last Updated : Sep 30, 2020, 10:16 AM IST
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