जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे बड़े शहरों में जमीन मालिकों और कॉलोनाइजर्स से सेक्टर रोड के लिए जमीन लेकर उन्हें मुआवजे के तौर पर बेहतर जगह ज्यादा मूल्य की जमीन देने की शिकायतों पर झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा एक्शन लिया. उन्होंने जमीन के बदले जमीन देने के ऐसे 27 प्रकरणों को लेकर आगामी आदेश तक अधिकारियों को इन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही पूर्वर्ती सरकार के बीते 5 साल के ऐसे सभी प्रकरणों की जांच रिपोर्ट भी मांगी है. जिसमें पिछले 4 साल में प्रदेश में किस-किस ट्रस्ट, संस्थान और व्यक्ति को किस उद्देश्य से जमीन आवंटित की गई, सुविधा क्षेत्र में अब तक कितने भूखंड सृजित कर जमीन बेची गई, 90बी प्रक्रिया के बाद पेश किए गए मानचित्रों में किस कारण से बदलाव किया गया, नगर पालिका क्षेत्र में नियम विरुद्ध कितने पट्टे जारी किए गए और पाक विस्थापितों को गोविंदपुरा में जेडीए की ओर से आवंटित भूखंड पर कौन काबिज है, इसकी रिपोर्ट तलब की है.
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यूडीएच मंत्री ने लैंड यूज चेंज का एग्जांपल देते हुए कहा कि इसके लिए कई बार नियमों को बदल गया और कई बार अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए पुराने नियमों को भी इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब ऐसे सभी प्रकरणों की जांच की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जनहित को ध्यान में रखकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम किए जाएंगे. आगामी 100 दिन की कार्य योजना पारदर्शितापूर्ण और भ्रष्टाचार रहित होगी. अधिकारी भी वही काम कार्य योजना में शामिल करें जो पूरे कर सकते हो और 31 जनवरी के बाद सभी कार्य ऑनलाइन ही संपादित किए जाए.
जिन शहरी क्षेत्र में सीसी सड़क निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं बनाई है, उसके लिए जिम्मेदारी तय करते हुए उनमें सुधार करवाने के भी निर्देश दिए, साथ ही बीते 3 साल में सभी नगर निगमों में लिगसी वेस्ट पर कितना व्यय किया गया, स्ट्रीट लाइट और दूसरी सामग्रियों को खरीदने पर कितना भुगतान किया गया, इसकी भी रिपोर्ट मांगी है. 2018 में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में नियुक्त हुए कर्मचारियों को 15 दिन में सिर्फ सफाई कार्य में ही लगाए जाने के निर्देश दिए हैं.