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अवैध संबंधों को लेकर हत्या, दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास - दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास

अवैध संबंधों को लेकर की गई हत्या के मामले में कोर्ट ने दो ​अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Murder convicts sent to life imprisonment) है. मामला साल अप्रैल, 2014 का है.

Two Murder convicts sent to life imprisonment
अवैध संबंधों को लेकर हत्या, दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास
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Published : Jan 19, 2023, 9:05 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर प्रथम ने अवैध संबंधों को लेकर साथी के साथ मिलकर बड़े भाई की हत्या करने वाले अभियुक्त रामवतार सिंह जादौन और धर्मेन्द्र सिंह जादौन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक साजिया खान ने अदालत को बताया कि मृतक के ससुर अनेक सिंह ने करधनी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका दामाद रामभरोसी अपने छोटे भाई रामवतार सिंह व धर्मेन्द्र सिंह के साथ पत्थर घिसाई का काम करता था. इसी दौरान 11 अप्रैल, 2014 को शाम 6 बजे धर्मेन्द्र ने अपने गांव फोन किया और सूचना दी कि रामभरोसी खत्म हो गया है. धर्मेन्द्र के परिजनों ने रामभरोसी के पिता को इसकी सूचना दी.

पढ़ें: Barmer murder case: अवैध संबंधों के चलते दोस्तों ने की थी युवक की हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार

वहीं रामवतार व धर्मेन्द्र लाश को लेकर एमपी के गांव सबलगढ़ चले गए. जब मृतक के परिजनों ने रामभरोसी की लाश को देखी, तो वह नीली पड़ चुकी थी और गले पर भी निशान थे. इस पर परिजनों ने हत्या का संदेह होने पर स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. जिस पर एसएचओ सबलगढ़ ने उन्हें जयपुर में मामला दर्ज कराने की बात कही. पूछताछ में पता चला कि रामवतार के अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध थे. ऐसे में उसने अपने साथी धर्मेन्द्र के साथ मिलकर रामभरोसी को जहरीला जूस पिलाया और बाद में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर प्रथम ने अवैध संबंधों को लेकर साथी के साथ मिलकर बड़े भाई की हत्या करने वाले अभियुक्त रामवतार सिंह जादौन और धर्मेन्द्र सिंह जादौन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक साजिया खान ने अदालत को बताया कि मृतक के ससुर अनेक सिंह ने करधनी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका दामाद रामभरोसी अपने छोटे भाई रामवतार सिंह व धर्मेन्द्र सिंह के साथ पत्थर घिसाई का काम करता था. इसी दौरान 11 अप्रैल, 2014 को शाम 6 बजे धर्मेन्द्र ने अपने गांव फोन किया और सूचना दी कि रामभरोसी खत्म हो गया है. धर्मेन्द्र के परिजनों ने रामभरोसी के पिता को इसकी सूचना दी.

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वहीं रामवतार व धर्मेन्द्र लाश को लेकर एमपी के गांव सबलगढ़ चले गए. जब मृतक के परिजनों ने रामभरोसी की लाश को देखी, तो वह नीली पड़ चुकी थी और गले पर भी निशान थे. इस पर परिजनों ने हत्या का संदेह होने पर स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. जिस पर एसएचओ सबलगढ़ ने उन्हें जयपुर में मामला दर्ज कराने की बात कही. पूछताछ में पता चला कि रामवतार के अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध थे. ऐसे में उसने अपने साथी धर्मेन्द्र के साथ मिलकर रामभरोसी को जहरीला जूस पिलाया और बाद में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी.

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