दूदू (जयपुर). जयपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ समय से नकली सोना बेचने वाला गिरोह सक्रिय था. जयपुर ग्रामीण पुलिस को मुखबिर से लगातार इसकी सूचना मिल रही थी. आरोपी नकली सोने को असली बताकर भोले भाले लोगों को ठगने का काम कर रहे थे. इस पर डीएसटी ने अपना जाल बिछाकर एक बड़ा सौदा करते हुए आरोपियोंं को गिरफ्तार किया है. टीम ने डेढ़ किलो नकली सोने को साढ़े छह लाख रुपए में बेचते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
डीएसटी ने दूदू मुख्य पुलिया के नीचे इन दो आरोपियों को दबोच लिया. वहीं इस ठगी करने वाली गैंग से कई वारदातें खुलने की संभावना है. इस गिरोह ने कई वारदातें की हैं. जिनमें नकली सोने के बदले रुपए लिए गए हैं. पुलिस द्वारा उन वारदातों को चिन्हित कर खुलासा किया जाएगा.
इस टीम के सहयोग से छोटे छोटे और भी कई गिरोह सक्रिय हैं. बता दें कि ये गैंग बाड़मेर, जालोर में बैठकर पूरे हिंदुस्तान में वारदातों को अंजाम देते हैं. गांव कस्बों के लोग किराये के कमरे लेते हैं और यहां रहते हैं. वहां से दूर जाकर वारदात को अंजाम देते हैं. ये आरोपी खुद ही नकली सोने के भारी भारी जेवर बनाते हैं. जिनको चेक कराने का चैलेंज भी देते हैं.
जांच करवाने के लिए बड़ी शातिराना चाल चलते हैं. पहले से जंजीर में से सोने का टुकडा जो असली होता है, उसको मुंह में रखते हैं और शिकार के सामने जंजीर को मुंह में देकर मोती तोड़ने का नाटक करते हैं. मुंह से निकाल कर सोने का टुकड़ा शिकार को देते हैं. जिससे चेक कराने पर असली निकलता है ऐसा करने से भोले भाले इंसान विश्वास करके इनके जाल में फंस जाते हैं.
ये पढ़ें: भरतपुर में डकैतों ने क्रशर कर्मचारियों से लूटे 1 लाख नगदी और 20 मोबाइल, जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मिली जानकारी ने अनुसार वारदात में सफल होने पर बकरे की बलि देकर देवताओं को प्रसन्न करते हैं. ये लोग गांव, कस्बों, गली में फूल माली बन कर रहते हैं. ये लोग प्लास्टिक के खिलौने व फूलपत्ती बेचते हैं और शिकार का चयन करते हैं. पुलिस ने मांगीलाल पुत्र धर्मा बागरी निवासी बिलबसर पुलिस थाना बागरा जिला जालौर और उदाराम पुत्र जीवराम बागरी को दूदू मुख्य पुलिया के नीचे से गिरफ्तार किया गया.