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लॉकडाउन में बाघों के शिकार का अंदेशा, रणथम्भौर में बाघों की संख्या हुई कम

पीपुल फॉर एनिमल्स ने राजस्थान में बाघों की संख्या को लेकर सवालिया निशान खड़े किए हैं. संगठन ने लॉकडाउन के दौरान बाघों के गायब होने का आरोप लगाते हुए दोबारा बाघों की गणना करने और फोटो एविडेंस के साथ बाघों की वास्तविक संख्या बताने की मांग की है.

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Published : Jun 2, 2020, 4:19 AM IST

Number of tigers reduced in lockdown, Tiger disappeared from Ranthambore
लॉकडाउन में बाघों की संख्या हुई कम

जयपुर. राजस्थान में बाघों की संख्या को लेकर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े किए गए हैं. मामले को लेकर पीपुल फॉर एनिमल्स की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में जितने बाघ बताए जा रहे हैं. उसमें वास्तविकता में उनकी संख्या 70 फीसदी के करीब ही है. पहले 26 बाघ गायब होने पर कई सवाल किए गए थे. वहीं, अब लॉकडाउन के दौरान और भी बाघ गायब होने का आरोप लगाते हुए संगठन ने दोबारा बाघों की गणना करने और फोटो एविडेंस के साथ बाघों की वास्तविक संख्या बताने की मांग की है.

रणथम्भौर में बाघों की संख्या हुई कम

हालांकि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. पीपुल फाॅर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फोरेस्ट, नेशनल टाईगर कंजर्वेशन अथॉरिटी, दिल्ली को पत्र लिखकर रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व में पर्यटन शुरू करने से पूर्व बाघों की संख्या की फिर से गणना कराने की मांग की है. जाजू ने पत्र में बताया कि विभागीय आंकड़ों के अनुसार रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में लगभग 80 बाघ-बाघिन और शावक हैं.

पढ़ें- 25 लाख घरों तक PM का पत्र पहुंचाएंगे BJP कार्यकर्ता, वर्चुअल रैलियों के जरिए गिनाएंगे केंद्र की उपलब्धियांः पूनिया

जबकि सरिस्का टाईगर रिजर्व में लगभग 20 बाघ-बाघिन और शावक हैं. लेकिन वास्तविकता में 70 प्रतिशत बाघ-बाघिन भी इन टाईगर रिजर्वों में नहीं हैं. जाजू ने बताया कि कोरोना के चलते लगे लाॅकडाउन के दौरान रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व में वन विभाग के अफसरों की घोर लापरवाही के चलते माॅनिटरिंग और गश्त व्यवस्था कमजोर होने से अनेक बाघों के शिकार और उनके लापता होने की घटनाएं हुई हैं.

चीतल सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार और पेड़ों के कटने के साथ ही अवैध खनन की घटनाएं भी घटित हुई है. जाजू ने खुलासा करते हुए कहा कि टाइगर T-42 फतह, T-6 रोमियो और T-47 मोहन सहित अनेक बाघ रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से लापता हैं. जाजू ने इन बाघों सहित अनेक बाघों के शिकार की आशंका जताई है.

पढ़ें- चूरू: जिम्मेदारों की लापरवाही ले सकती थी कई लोगों की जान, शहर के मुख्य बाजार में गिरी हवेली

उन्होंने रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व सहित देशभर के सभी टाईगर रिजर्वों में बाघों की संख्या की अत्याधुनिक तकनीक से फिर से गणना करवाते हुए टाईगर रिजर्वों की माॅनिटरिंग और ट्रैकिंग सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के अलावा बाघों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

जयपुर. राजस्थान में बाघों की संख्या को लेकर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े किए गए हैं. मामले को लेकर पीपुल फॉर एनिमल्स की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में जितने बाघ बताए जा रहे हैं. उसमें वास्तविकता में उनकी संख्या 70 फीसदी के करीब ही है. पहले 26 बाघ गायब होने पर कई सवाल किए गए थे. वहीं, अब लॉकडाउन के दौरान और भी बाघ गायब होने का आरोप लगाते हुए संगठन ने दोबारा बाघों की गणना करने और फोटो एविडेंस के साथ बाघों की वास्तविक संख्या बताने की मांग की है.

रणथम्भौर में बाघों की संख्या हुई कम

हालांकि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. पीपुल फाॅर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फोरेस्ट, नेशनल टाईगर कंजर्वेशन अथॉरिटी, दिल्ली को पत्र लिखकर रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व में पर्यटन शुरू करने से पूर्व बाघों की संख्या की फिर से गणना कराने की मांग की है. जाजू ने पत्र में बताया कि विभागीय आंकड़ों के अनुसार रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में लगभग 80 बाघ-बाघिन और शावक हैं.

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जबकि सरिस्का टाईगर रिजर्व में लगभग 20 बाघ-बाघिन और शावक हैं. लेकिन वास्तविकता में 70 प्रतिशत बाघ-बाघिन भी इन टाईगर रिजर्वों में नहीं हैं. जाजू ने बताया कि कोरोना के चलते लगे लाॅकडाउन के दौरान रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व में वन विभाग के अफसरों की घोर लापरवाही के चलते माॅनिटरिंग और गश्त व्यवस्था कमजोर होने से अनेक बाघों के शिकार और उनके लापता होने की घटनाएं हुई हैं.

चीतल सहित अन्य वन्यजीवों का शिकार और पेड़ों के कटने के साथ ही अवैध खनन की घटनाएं भी घटित हुई है. जाजू ने खुलासा करते हुए कहा कि टाइगर T-42 फतह, T-6 रोमियो और T-47 मोहन सहित अनेक बाघ रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से लापता हैं. जाजू ने इन बाघों सहित अनेक बाघों के शिकार की आशंका जताई है.

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उन्होंने रणथम्भौर और सरिस्का टाईगर रिजर्व सहित देशभर के सभी टाईगर रिजर्वों में बाघों की संख्या की अत्याधुनिक तकनीक से फिर से गणना करवाते हुए टाईगर रिजर्वों की माॅनिटरिंग और ट्रैकिंग सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के अलावा बाघों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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