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World Mental Health Day 2024 : तनाव-अवसाद एक संक्रमण जैसा, पूरे परिवार को लेता है चपेट में

तनाव-अवसाद एक संक्रमण जैसा. पूरे परिवार को लेता है चपेट में. महिलाओं में तनाव की स्थिति ज्यादा. कई तरह के शारीरिक परिवर्तन.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Mental Health Issue
वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि तनाव, अवसाद और चिंता एक संक्रमण की तरह है जो अन्य लोगों को भी चपेट में ले लेती है. जयपुर के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि यदि परिवार में एक व्यक्ति तनाव में या अवसाद में आता है तो इससे पूरा परिवार प्रभावित हो जाता है. कई बार तनाव ग्रस्त व्यक्ति अपना जीवन समाप्त करने पर भी उतारू हो जाता है.

हाल ही में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि यदि व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ्य है और मानसिक रूप से अस्वस्थ है तो वह व्यक्ति शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ नहीं ले सकता. दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन की गुणवत्ता मानसिक स्वास्थ्य की वजह से ही है. डॉक्टर गौतम का कहना है कि तनाव आज सबसे अधिक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

चिकित्सकों ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

कई तरह के शारीरिक परिवर्तन : डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि जब किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित रहता है तो उसका असर शारीरिक गतिविधियों पर भी देखने को मिलता है. मानसिक स्वास्थ्य खराब होने पर शरीर से कई ऐसे हारमोन निकलते हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. डॉक्टर गौतम का कहना है कि मानसिक तनाव की वजह से व्यक्ति के मुंह में खुश्की, हथेलियों में पसीना, घबराहट शुरू हो जाती है. व्यक्ति पेनिक अवस्था में चला जाता है. ऐसे में व्यक्ति इन लक्षणों को पहचान नहीं पाता. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि मानसिक रोग से जुड़े लक्षणों की पहचान की जाए. डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि वर्क प्लेस पर भी लोगों को अक्सर तनाव या फिर अवसाद का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही पारिवारिक जीवन में आने वाले स्ट्रेस को भी समझना काफी जरूरी है.

पढ़ें : गले और सीने में जलन? इन आयुर्वेदिक नुस्खे से पाएं एसिडिटी से आराम - Health Tips

महिलाओं में तनाव की स्थिति ज्यादा : वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनिता गौतम का कहना है कि इस बार विश्व मानसिक दिवस की थीम रखी गई है 'मेंटल हेल्थ एट वर्क प्लेस'. मौजूदा समय में महिलाओं में स्ट्रेस या तनाव सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. खासकर वर्किंग वुमन के जीवन में तनाव सबसे अधिक है, क्योंकि उन्हें परिवार और वर्क प्लेस के बीच सामंजस्य बिठाकर रखना पड़ता है. परिवार को चलाने के साथ-साथ महिलाओं के सामने ऑफिस में भी खुद को साबित करने की जिम्मेदारी रहती है तो ऐसे में महिलाएं अधिक तनाव महसूस करती हैं. डॉक्टर अनीता गौतम का कहना है कि मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए संतुलित आहार लें. पर्याप्त नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम करें. ध्यान लगाने के व्यायाम, प्रार्थना, योग या तैराकी का प्रयास करें. प्रकृति के साथ समय बिताएं या शांत संगीत सुनें.

जयपुर: 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि तनाव, अवसाद और चिंता एक संक्रमण की तरह है जो अन्य लोगों को भी चपेट में ले लेती है. जयपुर के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि यदि परिवार में एक व्यक्ति तनाव में या अवसाद में आता है तो इससे पूरा परिवार प्रभावित हो जाता है. कई बार तनाव ग्रस्त व्यक्ति अपना जीवन समाप्त करने पर भी उतारू हो जाता है.

हाल ही में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि यदि व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ्य है और मानसिक रूप से अस्वस्थ है तो वह व्यक्ति शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ नहीं ले सकता. दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन की गुणवत्ता मानसिक स्वास्थ्य की वजह से ही है. डॉक्टर गौतम का कहना है कि तनाव आज सबसे अधिक मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

चिकित्सकों ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

कई तरह के शारीरिक परिवर्तन : डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि जब किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित रहता है तो उसका असर शारीरिक गतिविधियों पर भी देखने को मिलता है. मानसिक स्वास्थ्य खराब होने पर शरीर से कई ऐसे हारमोन निकलते हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. डॉक्टर गौतम का कहना है कि मानसिक तनाव की वजह से व्यक्ति के मुंह में खुश्की, हथेलियों में पसीना, घबराहट शुरू हो जाती है. व्यक्ति पेनिक अवस्था में चला जाता है. ऐसे में व्यक्ति इन लक्षणों को पहचान नहीं पाता. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि मानसिक रोग से जुड़े लक्षणों की पहचान की जाए. डॉक्टर शिव गौतम का कहना है कि वर्क प्लेस पर भी लोगों को अक्सर तनाव या फिर अवसाद का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही पारिवारिक जीवन में आने वाले स्ट्रेस को भी समझना काफी जरूरी है.

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महिलाओं में तनाव की स्थिति ज्यादा : वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनिता गौतम का कहना है कि इस बार विश्व मानसिक दिवस की थीम रखी गई है 'मेंटल हेल्थ एट वर्क प्लेस'. मौजूदा समय में महिलाओं में स्ट्रेस या तनाव सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. खासकर वर्किंग वुमन के जीवन में तनाव सबसे अधिक है, क्योंकि उन्हें परिवार और वर्क प्लेस के बीच सामंजस्य बिठाकर रखना पड़ता है. परिवार को चलाने के साथ-साथ महिलाओं के सामने ऑफिस में भी खुद को साबित करने की जिम्मेदारी रहती है तो ऐसे में महिलाएं अधिक तनाव महसूस करती हैं. डॉक्टर अनीता गौतम का कहना है कि मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए संतुलित आहार लें. पर्याप्त नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम करें. ध्यान लगाने के व्यायाम, प्रार्थना, योग या तैराकी का प्रयास करें. प्रकृति के साथ समय बिताएं या शांत संगीत सुनें.

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