जयपुर. विश्व स्वास्थ संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघ ने कोरोना वायरस को महामारी और केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है और इससे बचाव की जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं, लेकिन जयपुर के उप पंजीयक कार्यालय में राजस्व का लक्ष्य हासिल करने के लिए रजिस्ट्री कराने वाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जिन दफ्तरों में बायोमेट्रिक हाजिरी होती थी वह भी बंद कर दी गई है. राशन की दुकानों से भी बायोमेट्रिक जगह ओटीपी से राशन देना शुरू कर दिया है, लेकिन जयपुर के उप पंजीयक कार्यालय में अभी भी बायोमैट्रिक सिस्टम (अंगूठा लगाकर) से रजिस्ट्री की जा रही है. खास बात यह है कि रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति के साथ क्रेता- विक्रेता के अलावा दो-दो गवाहों के भी थंब इंप्रेशन लिए जा रहे हैं.
थंब इंप्रेशन से पहले मशीन नहीं हो रहे सेनिटाइज
थंब इंप्रेशन से पहले ना तो मशीन को से सेनिटाइज किया जा रहा है और ना ही अन्य तरीके से संक्रमण के कोई उपाय. सभी लोग एक-एक करके उसी मशीन पर थंब इंप्रेशन लगा रहे हैं. जिससे कोरोना के संक्रमण की संभावना बढ़ रही है, हालांकि स्टाफ ने अपनी सुरक्षा के लिए मास्क जरूर लगाया हुआ है, लेकिन वहां आने वाले लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे. इस तरह से उप पंजीयक कार्यालय में आने वाले सैकड़ों लोगों की जान के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है.
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भीड़ पर भी नहीं है, नियंत्रण-जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में स्थित उप पंजीयक कार्यालय में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है, हालांकि गेट पर 2 गार्ड लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी भीड़ बेझिझक अंदर जा रही है और इसके कारण तय सीमा से ज्यादा लोग वहां इकट्ठा हो जाते हैं, जबकि सरकार की ओर से आदेश है कि दफ्तरों में ज्यादा भीड़ जमा नहीं होने दी जाए.