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25 नवंबर को शैक्षिक सम्मेलन नहीं, बल्कि शहीद स्मारक पर धरना देंगे प्रदेश के शिक्षक

शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण नहीं होने के कारण प्रदेश में 25 नवंबर को शैक्षिक सम्मेलन नहीं किया जाएगा. टीएसपी सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और दो वर्ष से नियमित डीपीसी नहीं होने से आक्रोशित शिक्षक इसी दिन जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदेश स्तरीय ध्यान आकर्षण धरना भी देंगे.

Rajasthan Teachers Protest in Jaipur
शहीद स्मारक पर धरना देंगे प्रदेश के शिक्षक
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Published : Nov 18, 2022, 9:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षकों के सम्मेलनों में मांग पत्र समेकित करते हुए राज्य सरकार को प्रेषित किए जाते रहे हैं. संगठन का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से पूर्व में प्रेषित किए गए मांग पत्र पर अब तक (Demand of Teachers in Rajasthan) कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे शिक्षकों में काफी रोष है. ऐसे में संगठन ने ये फैसला लिया है कि शैक्षिक सम्मेलन आयोजित नहीं कर पूर्व में भेजे गए मांग पत्र पर सरकार कार्रवाई करे.

संगठन के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण पदोन्नति और दूसरी ज्वलंत समस्याओं पर सरकार की ओर से निराकरण नहीं किया जा रहा. ऐसे में शिक्षकों में रोष है, इसलिए सरकार के ध्यान आकर्षण के लिए शहीद स्मारक पर 25 नवंबर को संगठन की ओर से एक दिवसीय धरना दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 16 सूत्री मांग पत्र सरकार को प्रेषित किया गया है. जिस पर सरकार की ढुलमुल नीति के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में सभी जिलों से शिक्षक धरने पर आकर अपनी मांग के निराकरण के लिए विरोध प्रकट करेंगे. सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए गए है कि जिलों से ज्यादा से जयदा धरने पर भागीदारी सुनिश्चित करें.

शिक्षकों की ये हैं प्रमुख मांगें :

  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के गृह जिले में समायोजन.
  • समयबद्ध निर्धारित अवधि में ही निश्चित पॉलिसी बनाकर स्थानान्तरण किए जाएं.
  • शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए.
  • बीते वर्षों से शिक्षा विभाग में नियमित डीपीसी प्रक्रिया नहीं हो पा रही है, जिसमें विभाग की ओर से बनाए गए नए शिक्षा सेवा नियम 2022 बाधक बन रहे हैं. इनकी जल्द समीक्षा कर सभी पदोन्नतियां प्रक्रिया पूरी की जाए.
  • संस्कृत शिक्षा सेवा नियम 2018 पर पुनर्विचार किया जाए.
  • खेमराज कमेटी की लाभकारी शिफारिश लागू कर वेतन विसंगति दूर कर केन्द्र के समान की जाए.
  • नव क्रमोन्नत विद्यालयों में 2013 से हिंदी और अंग्रेजी के व्याख्याताओं के पद सजन किया जाए.
  • विशेष बच्चों के लिए विशेष अध्यापक भर्ती और विशेष व्याख्याता पद सृजन कर सहित विशेष शिक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जाए.
  • सरकार को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के पद जल्द स्वीकृत किए जाएं और संविदा आधारित भर्ती नहीं कर नियमित भर्ती की जाए.
  • 30 जून को सेवानिवृत्त शिक्षकों को अतिरिक्त जी आई का लाभ देकर पेंशन परिलाभ दिया जाए.
  • विभाग में लगे अनेक शिक्षकों का स्थायीकरण में काफी अड़चन आ रही है. इसलिए स्थायीकरण के लिए सभी जिलों में कैंप लगाकर शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाए.
  • विभाग की ओर से डीपीसी काउंसलिंग में सभी जिलों के पद दर्शाते हुए वरीयता क्रम में आवश्यक संशोधन किए जाए.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को प्रोत्साहन देने के शिक्षकों को मूल वेतन का 20% ग्रामीण भत्ता दिया जाए.
  • कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए.
  • माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की जाए.

जयपुर. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षकों के सम्मेलनों में मांग पत्र समेकित करते हुए राज्य सरकार को प्रेषित किए जाते रहे हैं. संगठन का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से पूर्व में प्रेषित किए गए मांग पत्र पर अब तक (Demand of Teachers in Rajasthan) कोई कार्रवाई नहीं की है. इससे शिक्षकों में काफी रोष है. ऐसे में संगठन ने ये फैसला लिया है कि शैक्षिक सम्मेलन आयोजित नहीं कर पूर्व में भेजे गए मांग पत्र पर सरकार कार्रवाई करे.

संगठन के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण पदोन्नति और दूसरी ज्वलंत समस्याओं पर सरकार की ओर से निराकरण नहीं किया जा रहा. ऐसे में शिक्षकों में रोष है, इसलिए सरकार के ध्यान आकर्षण के लिए शहीद स्मारक पर 25 नवंबर को संगठन की ओर से एक दिवसीय धरना दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 16 सूत्री मांग पत्र सरकार को प्रेषित किया गया है. जिस पर सरकार की ढुलमुल नीति के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में सभी जिलों से शिक्षक धरने पर आकर अपनी मांग के निराकरण के लिए विरोध प्रकट करेंगे. सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए गए है कि जिलों से ज्यादा से जयदा धरने पर भागीदारी सुनिश्चित करें.

शिक्षकों की ये हैं प्रमुख मांगें :

  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के गृह जिले में समायोजन.
  • समयबद्ध निर्धारित अवधि में ही निश्चित पॉलिसी बनाकर स्थानान्तरण किए जाएं.
  • शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए.
  • बीते वर्षों से शिक्षा विभाग में नियमित डीपीसी प्रक्रिया नहीं हो पा रही है, जिसमें विभाग की ओर से बनाए गए नए शिक्षा सेवा नियम 2022 बाधक बन रहे हैं. इनकी जल्द समीक्षा कर सभी पदोन्नतियां प्रक्रिया पूरी की जाए.
  • संस्कृत शिक्षा सेवा नियम 2018 पर पुनर्विचार किया जाए.
  • खेमराज कमेटी की लाभकारी शिफारिश लागू कर वेतन विसंगति दूर कर केन्द्र के समान की जाए.
  • नव क्रमोन्नत विद्यालयों में 2013 से हिंदी और अंग्रेजी के व्याख्याताओं के पद सजन किया जाए.
  • विशेष बच्चों के लिए विशेष अध्यापक भर्ती और विशेष व्याख्याता पद सृजन कर सहित विशेष शिक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जाए.
  • सरकार को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के पद जल्द स्वीकृत किए जाएं और संविदा आधारित भर्ती नहीं कर नियमित भर्ती की जाए.
  • 30 जून को सेवानिवृत्त शिक्षकों को अतिरिक्त जी आई का लाभ देकर पेंशन परिलाभ दिया जाए.
  • विभाग में लगे अनेक शिक्षकों का स्थायीकरण में काफी अड़चन आ रही है. इसलिए स्थायीकरण के लिए सभी जिलों में कैंप लगाकर शिक्षकों का स्थायीकरण किया जाए.
  • विभाग की ओर से डीपीसी काउंसलिंग में सभी जिलों के पद दर्शाते हुए वरीयता क्रम में आवश्यक संशोधन किए जाए.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को प्रोत्साहन देने के शिक्षकों को मूल वेतन का 20% ग्रामीण भत्ता दिया जाए.
  • कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए.
  • माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की जाए.
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