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Teachers Protest in Rajasthan : वेतन विसंगति, नियमित भर्ती सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षक लामबंद, सरकार को चेताया

राजस्थान में शिक्षकों ने गहलोत सरकार को चेताया है. आंदोलनरत शिक्षकों ने मांगें पूरी नहीं (Demands of Teachers in Rajasthan) होने की स्थिति में सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

Teachers Protest in Rajasthan
राजस्थान में शिक्षकों का आंदोलन
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Published : Mar 12, 2023, 5:10 PM IST

मांगों को लेकर शिक्षक लामबंद

जयपुर. शिक्षा विभाग में संविदा के बजाय नियमित भर्ती करने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण, वेतन विसंगति दूर करने और शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने जैसी मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उनकी सरकार से इसी विधानसभा सत्र में उनकी मांगों पर सुनवाई करते हुए निस्तारण करने की मांग की. ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

संगठन के जिला मंत्री ताराशंकर शर्मा ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षक दो चरण पूरे कर चुके हैं. अब भी सरकार नहीं चेती तो तीसरे चरण में राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा. जिला अध्यक्ष पवन पांडे ने बताया कि सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल रही है, लेकिन उसमें संविदा पर शिक्षकों को लगाया जा रहा है. सरकार को इन पदों पर नियमित भर्ती करनी चाहिए. जबकि संगठन की जिला महिला मंत्री सुनीता शर्मा ने कहा कि शिक्षकों से 12 महीने गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते हैं. जिससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है. उन्होंने सरकार का शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य मुक्त करने की मांग की ओर ध्यान आकर्षित कराया.

पढ़ें. शिक्षा विभाग में अधिकांश पदों पर डीपीसी बकाया, तीन लाख से ज्यादा शिक्षक हो रहे प्रभावित

शिक्षकों की प्रमुख मांगें

1. वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए गठित सावंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर लागू किया जाए.
2. सभी राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए.
3. पुरानी पेंशन योजना की तकनीकी खामियों को दुरुस्त करते हुए NPS फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी किए जाएं.
4. संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो. फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए.
5. शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को देखते हुए शिक्षकों को मासिक इंटरनेट भत्ता और एंड्रॉयड फोन उपलब्ध कराया जाए.
6. राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के बाद 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पर क्रमश: 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि की जाए.
7. शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा के बजाए नियमित भर्ती की जाए.
8. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति बनाकर इसे लागू किया जाए.
9. BLO सहित सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.
10. तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमानुसार राहत प्रदान की जाए.
11. माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए.

मांगों को लेकर शिक्षक लामबंद

जयपुर. शिक्षा विभाग में संविदा के बजाय नियमित भर्ती करने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण, वेतन विसंगति दूर करने और शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने जैसी मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उनकी सरकार से इसी विधानसभा सत्र में उनकी मांगों पर सुनवाई करते हुए निस्तारण करने की मांग की. ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

संगठन के जिला मंत्री ताराशंकर शर्मा ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षक दो चरण पूरे कर चुके हैं. अब भी सरकार नहीं चेती तो तीसरे चरण में राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा. जिला अध्यक्ष पवन पांडे ने बताया कि सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूल खोल रही है, लेकिन उसमें संविदा पर शिक्षकों को लगाया जा रहा है. सरकार को इन पदों पर नियमित भर्ती करनी चाहिए. जबकि संगठन की जिला महिला मंत्री सुनीता शर्मा ने कहा कि शिक्षकों से 12 महीने गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाते हैं. जिससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है. उन्होंने सरकार का शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य मुक्त करने की मांग की ओर ध्यान आकर्षित कराया.

पढ़ें. शिक्षा विभाग में अधिकांश पदों पर डीपीसी बकाया, तीन लाख से ज्यादा शिक्षक हो रहे प्रभावित

शिक्षकों की प्रमुख मांगें

1. वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए गठित सावंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट्स को सार्वजनिक कर लागू किया जाए.
2. सभी राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए.
3. पुरानी पेंशन योजना की तकनीकी खामियों को दुरुस्त करते हुए NPS फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी किए जाएं.
4. संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो. फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए.
5. शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता को देखते हुए शिक्षकों को मासिक इंटरनेट भत्ता और एंड्रॉयड फोन उपलब्ध कराया जाए.
6. राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के बाद 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पर क्रमश: 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि की जाए.
7. शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा के बजाए नियमित भर्ती की जाए.
8. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति बनाकर इसे लागू किया जाए.
9. BLO सहित सभी गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए.
10. तीन संतान वाले कार्मिकों को केंद्र सरकार के नियमानुसार राहत प्रदान की जाए.
11. माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए.

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