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तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल 1 भर्ती के लिए बीएड योग्यताधारी पात्र नहीं-सुप्रीम कोर्ट - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल 1 भर्ती में बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को अपात्र माना है.

Supreme Court order in third grade teacher bharti, says Bed degree holders not eligible for the recruitment
तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल 1 भर्ती के लिए बीएड योग्यताधारी पात्र नहीं-सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 11, 2023, 6:03 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती के लिए बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को अपात्र माना है. अदालत ने अपने अहम फैसले में कहा है कि लेवल 1 के लिए बीएसटीसी व इसके समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होंगे. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांषु धूलिया की खंडपीठ ने यह आदेश केंद्र सरकार, एनसीटीई और बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों की विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर, 2021 के फैसले को सही माना है. इसके तहत हाईकोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द कर दिया था. प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने गत जनवरी माह में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. एसएलपी में कहा गया कि बीएड डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों को गलत तरीके से तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती से बाहर किया गया है. उच्च योग्यता होने के चलते उन्हें भर्ती में शामिल किया जाए.

पढ़ें: Grade third teacher Bharti 2021: एडिशनल स्नातक डिग्री वाले अभ्यर्थियों को भी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश

वहीं बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि लेवल वन यानि कक्षा एक से कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका अलग होता है और इसे बीएड के पाठ्यक्रम में नहीं बताया जाता. इसलिए लेवल वन के लिए बीएसटीसी और समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होने चाहिए. मामले के अनुसार एनसीटीई ने 28 जून, 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी कर तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को भी पात्र मान लिया था. लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति मिलने से छह महीने के भीतर एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा.

पढ़ें: Rajasthan High Court : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के विवादित प्रश्नों को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मांगा जवाब

एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन से ही बीएसटीसी व बीएड डिग्री धारकों के बीच विवाद शुरू हो गया. इस नोटिफिकेशन को लेकर बीएसटीसी व बीएड धारकों की ओर से याचिकाएं दायर की गई. हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ना केवल राजस्थान राज्य बल्कि देशभर की थर्ड ग्रेड टीचर लेवल-वन की भर्तियों में लागू होगा और उनमें केवल बीएसटीसी योग्यता धारक ही भर्ती के लिए पात्र माने जाएंगे.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती के लिए बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को अपात्र माना है. अदालत ने अपने अहम फैसले में कहा है कि लेवल 1 के लिए बीएसटीसी व इसके समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होंगे. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांषु धूलिया की खंडपीठ ने यह आदेश केंद्र सरकार, एनसीटीई और बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों की विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर, 2021 के फैसले को सही माना है. इसके तहत हाईकोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना को रद्द कर दिया था. प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने गत जनवरी माह में सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. एसएलपी में कहा गया कि बीएड डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों को गलत तरीके से तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती से बाहर किया गया है. उच्च योग्यता होने के चलते उन्हें भर्ती में शामिल किया जाए.

पढ़ें: Grade third teacher Bharti 2021: एडिशनल स्नातक डिग्री वाले अभ्यर्थियों को भी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश

वहीं बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि लेवल वन यानि कक्षा एक से कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका अलग होता है और इसे बीएड के पाठ्यक्रम में नहीं बताया जाता. इसलिए लेवल वन के लिए बीएसटीसी और समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होने चाहिए. मामले के अनुसार एनसीटीई ने 28 जून, 2018 को एक नोटिफिकेशन जारी कर तृतीय श्रेणी लेवल-वन शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को भी पात्र मान लिया था. लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति मिलने से छह महीने के भीतर एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा.

पढ़ें: Rajasthan High Court : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के विवादित प्रश्नों को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से मांगा जवाब

एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन से ही बीएसटीसी व बीएड डिग्री धारकों के बीच विवाद शुरू हो गया. इस नोटिफिकेशन को लेकर बीएसटीसी व बीएड धारकों की ओर से याचिकाएं दायर की गई. हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ना केवल राजस्थान राज्य बल्कि देशभर की थर्ड ग्रेड टीचर लेवल-वन की भर्तियों में लागू होगा और उनमें केवल बीएसटीसी योग्यता धारक ही भर्ती के लिए पात्र माने जाएंगे.

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