ETV Bharat / state

बजरी खनन में आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को अवमानना नोटिस....सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा जवाब

राजस्थान में हो रही अवैध बजरी खनन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की है सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

supreme-court-issues-contempt-notice-to-state-government
author img

By

Published : Jul 29, 2019, 2:00 PM IST

जयपुर. अवमानना याचिका बजरी ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष नवीन शर्मा की तरफ से दाखिल की गई याचिका में बताया गया था कि पूरे राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है. बावजूद उसके अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है. इस अवैध खनन के चलते कई बार कई घटनाएं भी हो चुकी हैं. यहां तक कि इस कदर हावी है कि वह बजरी खनन रोकने वाले अधिकारियों पुलिस कर्मचारियों और आम जनता के ऊपर भी हमला कर उनकी हत्या कर देते हैं.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक के बावजूद अवैध रूप से बजरी खनन जारी है. प्रशासनिक निगरानी के अभाव में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. जिस कारण दिन में उजाले में भी बजरी माफिया अवैध रूप से ट्रैक्टर के माध्यम से निर्माण स्थलों पर बजरी पहुंचा रहे हैं. सूचना के मुताबिक जिले के सुमेरपुर और शिवगंज के बीच बहने वाली जवाई नदी में बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा हो रहा है इसके अलावा सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र की सभी नदियों में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर है. इतना नहीं टोंक जिले में बनास में भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है.

पढ़ें: गहलोत कैबिनेट ने ऑनर किलिंग विधेयक को दी मंजूरी, कल विधानसभा में पेश होगा बिल

गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगरपुर उपखंड के बिलोली नदी और श्यामोली बनास नदी के पास अवैध बजरी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. इस दौरान 31,000 टन बजरी जब्त की गई थी, हालांकि बजरी खनन को राज्य सरकार ने छोटे-छोटे काश्तकारों को पट्टे जारी किए ताकि प्रदेश में बजरी की डिमाण्ड को कुछ हद तक पूरा किया जा सके. प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में बजरी पर सामाजिक कार्यकर्ता आनन सिंह जोड़ी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी.

बजरी खनन में आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को अवमानना नोटिस

पढ़ें: राजस्थान में पिछले 5 दिनों से बारिश का दौर जारी...कई जिलों में बने बाढ़ जैसे हालात

इस बीच में राज्य सरकार की और से कई बार बजरी से रोक हटाने के लिए अपील करी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट प्रदेश को बजरी पर राहत नहीं दी थी. ऐसा नहीं कि बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार नाराजगी जारी किया. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बजरी खनन पर रोक नहीं लगाने के मामले पर राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की थी. बावजूद उसके प्रदेश में लगातार धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन हो रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना नोटिस पर भी क्या राज्य सरकार इन अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाएगी.

जयपुर. अवमानना याचिका बजरी ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष नवीन शर्मा की तरफ से दाखिल की गई याचिका में बताया गया था कि पूरे राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है. बावजूद उसके अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है. इस अवैध खनन के चलते कई बार कई घटनाएं भी हो चुकी हैं. यहां तक कि इस कदर हावी है कि वह बजरी खनन रोकने वाले अधिकारियों पुलिस कर्मचारियों और आम जनता के ऊपर भी हमला कर उनकी हत्या कर देते हैं.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक के बावजूद अवैध रूप से बजरी खनन जारी है. प्रशासनिक निगरानी के अभाव में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. जिस कारण दिन में उजाले में भी बजरी माफिया अवैध रूप से ट्रैक्टर के माध्यम से निर्माण स्थलों पर बजरी पहुंचा रहे हैं. सूचना के मुताबिक जिले के सुमेरपुर और शिवगंज के बीच बहने वाली जवाई नदी में बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा हो रहा है इसके अलावा सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र की सभी नदियों में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर है. इतना नहीं टोंक जिले में बनास में भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है.

पढ़ें: गहलोत कैबिनेट ने ऑनर किलिंग विधेयक को दी मंजूरी, कल विधानसभा में पेश होगा बिल

गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगरपुर उपखंड के बिलोली नदी और श्यामोली बनास नदी के पास अवैध बजरी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. इस दौरान 31,000 टन बजरी जब्त की गई थी, हालांकि बजरी खनन को राज्य सरकार ने छोटे-छोटे काश्तकारों को पट्टे जारी किए ताकि प्रदेश में बजरी की डिमाण्ड को कुछ हद तक पूरा किया जा सके. प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में बजरी पर सामाजिक कार्यकर्ता आनन सिंह जोड़ी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी.

बजरी खनन में आदेश ना मानने पर राज्य सरकार को अवमानना नोटिस

पढ़ें: राजस्थान में पिछले 5 दिनों से बारिश का दौर जारी...कई जिलों में बने बाढ़ जैसे हालात

इस बीच में राज्य सरकार की और से कई बार बजरी से रोक हटाने के लिए अपील करी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट प्रदेश को बजरी पर राहत नहीं दी थी. ऐसा नहीं कि बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार नाराजगी जारी किया. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बजरी खनन पर रोक नहीं लगाने के मामले पर राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की थी. बावजूद उसके प्रदेश में लगातार धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन हो रहा है. ऐसे में अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना नोटिस पर भी क्या राज्य सरकार इन अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाएगी.

Intro:

जयपुर

बजरी खनन मामले में राज्य सरकार को अवमानना नोटिस , सुप्रीम कोर्ट ने आदर्श नही मानने पर जारी किए नोटिस , सरकार से मांगा 4 सप्ताह में जवाब

एंकर:- राजस्थान में हो रही अवैध बजरी खनन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की है सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है ,


Body:VO:- अवमानना याचिका बजरी ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष नवीन शर्मा की तरफ से दाखिल की गई थी याचिका में बताया गया था कि पूरे राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है बावजूद उसके अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है इस अवैध खनन के चलते कई बार कई घटनाएं भी हो चुकी है यहां तक कि इस कदर हावी है कि वह बजरी खनन रोकने वाले अधिकारियों पुलिस कर्मचारियों और आम जनता के ऊपर भी हमला कर उनकी हत्या कर देते हैं , दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक के बावजूद अवैध रूप से बजरी खनन जारी है प्रशासनिक निगरानी के अभाव में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं जिस कारण दिन में उजाले में भी बजरी माफिया अवैध रूप से ट्रैक्टर के माध्यम से निर्माण स्थलों पर बजरी पहुंचा रहे हैं सूचना के मुताबिक जिले के सुमेरपुर और शिवगंज के बीच बहने वाली जवाई नदी में बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा हो रहा है इसके अलावा सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र की सभी नदियों में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर है इतना नहीं टोंक जिले मैं बनास बजरी में भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है गौरतलब है कि सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगरपुर उपखंड के बिलोली नदी और श्यामोली बनास नदी के पास अवैध बजरी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी इस दौरान 31000 टन बजे जप्त की गई थी , हालांकि बजरी खनन को राज्य सरकार ने छोटे छोटे काश्तकारों को पट्टे जारी किए ताकि प्रदेश में बजरी की डिमाण्ड को कुछ हद तक पूरा किया जा सके , प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में बजरी पर सामाजिक कार्यकर्ता आनन सिंह जोड़ी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी , इस बीच मे राज्य सरकार की और से कई बार बजरी से रोक हटाने के लिए अपील करी गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट प्रदेश को बजरी पर राहत नही दी थी ।


Conclusion:VO:- ऐसा नहीं कि बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार नाराजगी जारी किया इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बजरी खनन पर रोक नहीं लगाने के मामले पर राज्य सरकार पर नाराजगी जाहिर की थी बावजूद उसके प्रदेश में लगातार धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन हो रहा है ऐसे में अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना नोटिस पर भी क्या राज्य सरकार इन अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाएगी ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.