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Rajasthan Politics: पायलट की मांग पर रंधावा बोले- अगर डिमांड हुई तो बुलाएंगे विधायक दल की बैठक

राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग उठने लगी है. जिसका पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दबी जुबान समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अगर विधायक मांग करते हैं तो फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है.

Randhawa statement on pilot demand
Randhawa statement on pilot demand
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Published : Mar 21, 2023, 4:36 PM IST

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के बाहर मंगलवार को मंत्री प्रताप सिंह और फिर पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर ने सचिन पायलट के पक्ष में बयान दिया. साथ ही इन दोनों विधायकों ने एक बार फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग का समर्थन किया है. वहीं, इनके समर्थन के बाद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अगर विधायकों की डिमांड हुई तो फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है. दरअसल, रंधावा ने यह बयान मंगलवार को राजधानी जयपुर में एआईसीसी के फ्रंटल संगठनों के प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के बाद दिया.

वहीं, एआईसीसी के फ्रंटल संगठनों की बैठक में यह भी फैसला किया कि कांग्रेस SC-ST की रिजर्व 59 सीटों पर विशेष नजर रखेगी. इसके तहत पार्टी की ओर से यह तय किया गया कि प्रदेश की 34 एससी और 25 एसटी सीटों पर लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन चलाया जाएगा. इस डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एससी-एसटी के उन नेताओं को तराशा जाएगा, जो कांग्रेस के लिए नेतृत्व कर सके और आगे आने वाले समय में चुनाव में चेहरा बन सके.

क्या फिर होगी विधायक दल की बैठक - राजस्थान में एक बार फिर से पायलट गुट की सक्रियता बढ़ गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को हवा दी जा रही है. यही वजह है कि पायलट समर्थक विधायकों की आक्रामकता उनके बयानों में साफ तौर पर झलक रही है. वहीं, रही सही कसर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने पूरी कर दी. मंगलवार को रंधावा ने कहा कि अगर विधायकों की मांग हुई तो फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है.

इसे भी पढ़ें - सचिन पायलट समर्थक विधायक का बड़ा बयान, जिले बनाने या अच्छे बजट से सरकार रिपीट नहीं होगी

हालांकि पहले आलाकमान को इसमें असफलता हाथ लगी थी, लेकिन एक बार फिर से इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. साथ ही अब यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाने का रिस्क पार्टी लेगी? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे, क्योंकि जब पिछली बार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक हुई थी, उस समय सवाल यह था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे तो फिर उनकी जगह मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

इसे लेकर विधायकों से प्रस्ताव ले लिया जाए, लेकिन कांग्रेस आलाकमान उस समय नाकामयाब रहा और विधायकों ने समानांतर विधायक दल की बैठक कर कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई बैठक का बहिष्कार ही नहीं किया, बल्कि अपने इस्तीफे भी स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए थे. खैर, अब भले ही वह इस्तीफे वापस हो चुके हो, लेकिन अब दोबारा विधायक दल की बैठक क्यों बुलाई जाए ये भी सवाल उठ रहा है.

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के बाहर मंगलवार को मंत्री प्रताप सिंह और फिर पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर ने सचिन पायलट के पक्ष में बयान दिया. साथ ही इन दोनों विधायकों ने एक बार फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग का समर्थन किया है. वहीं, इनके समर्थन के बाद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अगर विधायकों की डिमांड हुई तो फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है. दरअसल, रंधावा ने यह बयान मंगलवार को राजधानी जयपुर में एआईसीसी के फ्रंटल संगठनों के प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के बाद दिया.

वहीं, एआईसीसी के फ्रंटल संगठनों की बैठक में यह भी फैसला किया कि कांग्रेस SC-ST की रिजर्व 59 सीटों पर विशेष नजर रखेगी. इसके तहत पार्टी की ओर से यह तय किया गया कि प्रदेश की 34 एससी और 25 एसटी सीटों पर लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन चलाया जाएगा. इस डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एससी-एसटी के उन नेताओं को तराशा जाएगा, जो कांग्रेस के लिए नेतृत्व कर सके और आगे आने वाले समय में चुनाव में चेहरा बन सके.

क्या फिर होगी विधायक दल की बैठक - राजस्थान में एक बार फिर से पायलट गुट की सक्रियता बढ़ गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि फिर से विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को हवा दी जा रही है. यही वजह है कि पायलट समर्थक विधायकों की आक्रामकता उनके बयानों में साफ तौर पर झलक रही है. वहीं, रही सही कसर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने पूरी कर दी. मंगलवार को रंधावा ने कहा कि अगर विधायकों की मांग हुई तो फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है.

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हालांकि पहले आलाकमान को इसमें असफलता हाथ लगी थी, लेकिन एक बार फिर से इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. साथ ही अब यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाने का रिस्क पार्टी लेगी? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे, क्योंकि जब पिछली बार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक हुई थी, उस समय सवाल यह था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे तो फिर उनकी जगह मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

इसे लेकर विधायकों से प्रस्ताव ले लिया जाए, लेकिन कांग्रेस आलाकमान उस समय नाकामयाब रहा और विधायकों ने समानांतर विधायक दल की बैठक कर कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई बैठक का बहिष्कार ही नहीं किया, बल्कि अपने इस्तीफे भी स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिए थे. खैर, अब भले ही वह इस्तीफे वापस हो चुके हो, लेकिन अब दोबारा विधायक दल की बैठक क्यों बुलाई जाए ये भी सवाल उठ रहा है.

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