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शादी के 22 साल बाद जयपुर की सुनीता ने रचा इतिहास, लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड्स समेत कई खिताब अपने नाम किए

कहते हैं कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो सपने पूरे करने के लिए न तो उम्र बाधा बनती है और न परिस्थितियां. इसी का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं (Sunita Chhabra of Jaipur) जयपुर की सुनीता छाबड़ा जिन्होंने शादी के 22 साल बाद अपने सपनों को जिया और एक मुकाम हासिल किया. उन्होंने न केवल कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीते बल्कि महिला पुश-अप में अपना नाम लिम्का बुक रिकॉर्ड में दर्ज कराया है. हालांकि इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. पढ़िए सुनीता के संघर्ष की कहानी.

जयपुर की सुनीता छाबड़ा
जयपुर की सुनीता छाबड़ा
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Published : Dec 31, 2022, 9:51 PM IST

जयपुर की सुनीता ने रचा इतिहास

जयपुर. सुनीता, जिसके जन्म पर उसकी मां को ताने सुनने पड़े. बेटी थी इसीलिए जल्दी शादी कर दी (Sunita Chhabra of Jaipur) गई और उसे चूल्हे-चौके तक सीमित कर दिया गया. लेकिन कहते हैं न जिंदगी हर किसी को एक मौका जरूर देती है. सुनीता को भी मिला और उसने शादी के 22 साल बाद अपनी सफलता की कहानी लिखी. सुनीता ने कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीते, सीरियल और फिल्मों में काम किया और फिर पुशअप में अपना हुनर दिखाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया. इसके अलावा सुनीता अब 'हेल्पिंग हैंड' के जरिए सैकड़ों जरूरतमंद महिलाओं और बच्चियों के सपनों को उड़ान दे रही हैं.

सुनीता बनीं प्रेरणा : जयपुर की सुनीता छाबड़ा कहती हैं कि राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर बेटी के जन्म पर खुशी नहीं मनाई जाती. बेटी होने पर जन्म देने वाली मां को ताना मारा जाता है. ससुराल में भी बहू को सिर्फ सिर्फ चूल्हे तक सीमित रखा जाता है. मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ था. मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में पैदा हुई. पापा बहुत खुश थे कि उनके घर में लक्ष्मी आई है लेकिन बाकी परिवार के लोग खुश नहीं थे. जन्म पर कोई खास खुशियां नहीं मनाई गईं. जन्म देने वाली मां को नाराजगी और ताने सुनने को मिले. लड़की थी इसीलिए ज्यादा बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिली.

Sunita Chhabra of Jaipur
फिटनेस क्वीन हैं सुनीता छाबड़ा

पढ़ें. बॉडी बिल्डर प्रिया मेघवाल, हुनर और हौसले की जिंदा मिसाल...लोगों ने मारे ताने फिर भी हार न मानी

सपना था कि एयर होस्टेस बनूंगी या फिर मॉडलिंग में जाऊंगी लेकिन जल्द ही शादी कर दी गई. पति एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में काम करते हैं. ससुराल में भी बहू को सपने पूरे करने की अनुमति नहीं मिली. शादी के 22 साल बाद जब बेटा बड़ा हुआ तो उसने साथ दिया. उसके दम पर घर की दहलीज लांघ बाहर निकली. आज मैं जो कुछ भी हूं आपके सामने हूं. सुनीता कहती हैं कि अच्छा लगता है जब आप लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं.

बेटे ने दी हिम्मत तो रच दिया इतिहास : सुनीता छाबड़ा कहती हैं कि वो हमेशा बेटे से अपने सपनों की चर्चा करती थीं. 2014 में बेटे ने प्रेरित किया और मिसेज राजस्थान प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को कहा. उस वक्त बहन ने भी सपोर्ट किया. हिम्मत कर कंपटीशन में भाग लिया और मिसेज राजस्थान 2014 का खिताब जीता. इसके बाद तो मानों ऐसा लगा कि अब जीवन अपने (Sunita Chhabra Mrs Rajasthan) लिए जीना है. 2019 मिसेज इंडिया नॉर्थ स्टार का खिताब भी जीता. 2019 में महिला वर्ग के पुश अप कैटेगरी में उत्कृष्ट उपलब्धि के कारण लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया. सुनीता ने बताया कि 2020 में उन्हें इंदिरा महिला शक्ति सम्मान एवं प्रोत्साहन मिला. 2022 में बायसाइकिल क्रंचीज लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर बनीं. इसी साल 2022 में ही दिव्यांगों के लिए किए कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेष योग्यजन दिवस पर राज्य स्तरीय सम्मान दिया गया.

Sunita Chhabra of Jaipur
सुनीता के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं

पढ़ें. चम्बल की बेटियां, बेटों से कम नहीं, पूजा ओझा ने सोना जीतकर दिखाया दम, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

बड़े पर्दे पर भी मिली जगह : सुनीता छाबड़ा ने कहा कि इसके बाद कई सीरियल और फिल्मों में काम करने का मौका मिला. सावधान इंडिया, राजा बेटा, मैं भी अर्धांगिनी जैसे सीरियल में अभिनय किया. इसके अलावा 'मर्दानी 2' में भी काम करने का मौका मिला. सुनीता छाबड़ा पिछले 5 वर्षों से मॉडलिंग और एक्टिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं. इन्होंने शॉर्ट मूवी एवं एड फिल्म में भी अपनी पहचान बनाई है.

सोनू हेल्पिंग हैंड से जरूरतमंदों की मदद : सुनीता कहती हैं कि वो हमेशा से उन बच्चों में अपने सपनों को खोजती थीं जो आर्थिक तंगी और अवसर की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. सुनीता ने पहले तो हेल्पिंग हैंड के नाम से संस्था बनाई. इस संस्था के जरिए बिना किसी सरकारी मदद के आपसी सहयोग से जरूरत मंद बच्चों को पढ़ाना, स्कूली शिक्षा से जोड़ना और स्टेशनरी उपलब्ध कराने का काम कर रही हैं. सुनीता बताती हैं कि कोरोना काल के दौरान सैकड़ों लोगों तक सोनू हेल्पिंग हैंड के जरिए भोजन पहुंचाया गया.

लड़कियों और महिलाओं में खोजा अपना सपना : आज सुनीता अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के साथ ही 200 से ज्यादा बच्चियों और महिलाओं को निशुल्क सिलाई और ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं. सुनीता कहती हैं कि जिस सपने को मैं पूरा नहीं कर पाई वह मैं इन बच्चियों में देखती हूं. मुझे जो मंच और मौका नहीं मिला वो मैं इनको देना चाहती हूं. सुनीता कहती हैं कि जल्द ही जनवरी के पहले सप्ताह में फैशन कंपटीशन होगा, जिन लड़कियों में टैलेंट होगा वो आगे बढ़ेंगी.

जयपुर की सुनीता ने रचा इतिहास

जयपुर. सुनीता, जिसके जन्म पर उसकी मां को ताने सुनने पड़े. बेटी थी इसीलिए जल्दी शादी कर दी (Sunita Chhabra of Jaipur) गई और उसे चूल्हे-चौके तक सीमित कर दिया गया. लेकिन कहते हैं न जिंदगी हर किसी को एक मौका जरूर देती है. सुनीता को भी मिला और उसने शादी के 22 साल बाद अपनी सफलता की कहानी लिखी. सुनीता ने कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीते, सीरियल और फिल्मों में काम किया और फिर पुशअप में अपना हुनर दिखाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया. इसके अलावा सुनीता अब 'हेल्पिंग हैंड' के जरिए सैकड़ों जरूरतमंद महिलाओं और बच्चियों के सपनों को उड़ान दे रही हैं.

सुनीता बनीं प्रेरणा : जयपुर की सुनीता छाबड़ा कहती हैं कि राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर बेटी के जन्म पर खुशी नहीं मनाई जाती. बेटी होने पर जन्म देने वाली मां को ताना मारा जाता है. ससुराल में भी बहू को सिर्फ सिर्फ चूल्हे तक सीमित रखा जाता है. मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ था. मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में पैदा हुई. पापा बहुत खुश थे कि उनके घर में लक्ष्मी आई है लेकिन बाकी परिवार के लोग खुश नहीं थे. जन्म पर कोई खास खुशियां नहीं मनाई गईं. जन्म देने वाली मां को नाराजगी और ताने सुनने को मिले. लड़की थी इसीलिए ज्यादा बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिली.

Sunita Chhabra of Jaipur
फिटनेस क्वीन हैं सुनीता छाबड़ा

पढ़ें. बॉडी बिल्डर प्रिया मेघवाल, हुनर और हौसले की जिंदा मिसाल...लोगों ने मारे ताने फिर भी हार न मानी

सपना था कि एयर होस्टेस बनूंगी या फिर मॉडलिंग में जाऊंगी लेकिन जल्द ही शादी कर दी गई. पति एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में काम करते हैं. ससुराल में भी बहू को सपने पूरे करने की अनुमति नहीं मिली. शादी के 22 साल बाद जब बेटा बड़ा हुआ तो उसने साथ दिया. उसके दम पर घर की दहलीज लांघ बाहर निकली. आज मैं जो कुछ भी हूं आपके सामने हूं. सुनीता कहती हैं कि अच्छा लगता है जब आप लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं.

बेटे ने दी हिम्मत तो रच दिया इतिहास : सुनीता छाबड़ा कहती हैं कि वो हमेशा बेटे से अपने सपनों की चर्चा करती थीं. 2014 में बेटे ने प्रेरित किया और मिसेज राजस्थान प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को कहा. उस वक्त बहन ने भी सपोर्ट किया. हिम्मत कर कंपटीशन में भाग लिया और मिसेज राजस्थान 2014 का खिताब जीता. इसके बाद तो मानों ऐसा लगा कि अब जीवन अपने (Sunita Chhabra Mrs Rajasthan) लिए जीना है. 2019 मिसेज इंडिया नॉर्थ स्टार का खिताब भी जीता. 2019 में महिला वर्ग के पुश अप कैटेगरी में उत्कृष्ट उपलब्धि के कारण लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया. सुनीता ने बताया कि 2020 में उन्हें इंदिरा महिला शक्ति सम्मान एवं प्रोत्साहन मिला. 2022 में बायसाइकिल क्रंचीज लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर बनीं. इसी साल 2022 में ही दिव्यांगों के लिए किए कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेष योग्यजन दिवस पर राज्य स्तरीय सम्मान दिया गया.

Sunita Chhabra of Jaipur
सुनीता के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं

पढ़ें. चम्बल की बेटियां, बेटों से कम नहीं, पूजा ओझा ने सोना जीतकर दिखाया दम, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

बड़े पर्दे पर भी मिली जगह : सुनीता छाबड़ा ने कहा कि इसके बाद कई सीरियल और फिल्मों में काम करने का मौका मिला. सावधान इंडिया, राजा बेटा, मैं भी अर्धांगिनी जैसे सीरियल में अभिनय किया. इसके अलावा 'मर्दानी 2' में भी काम करने का मौका मिला. सुनीता छाबड़ा पिछले 5 वर्षों से मॉडलिंग और एक्टिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं. इन्होंने शॉर्ट मूवी एवं एड फिल्म में भी अपनी पहचान बनाई है.

सोनू हेल्पिंग हैंड से जरूरतमंदों की मदद : सुनीता कहती हैं कि वो हमेशा से उन बच्चों में अपने सपनों को खोजती थीं जो आर्थिक तंगी और अवसर की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. सुनीता ने पहले तो हेल्पिंग हैंड के नाम से संस्था बनाई. इस संस्था के जरिए बिना किसी सरकारी मदद के आपसी सहयोग से जरूरत मंद बच्चों को पढ़ाना, स्कूली शिक्षा से जोड़ना और स्टेशनरी उपलब्ध कराने का काम कर रही हैं. सुनीता बताती हैं कि कोरोना काल के दौरान सैकड़ों लोगों तक सोनू हेल्पिंग हैंड के जरिए भोजन पहुंचाया गया.

लड़कियों और महिलाओं में खोजा अपना सपना : आज सुनीता अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के साथ ही 200 से ज्यादा बच्चियों और महिलाओं को निशुल्क सिलाई और ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं. सुनीता कहती हैं कि जिस सपने को मैं पूरा नहीं कर पाई वह मैं इन बच्चियों में देखती हूं. मुझे जो मंच और मौका नहीं मिला वो मैं इनको देना चाहती हूं. सुनीता कहती हैं कि जल्द ही जनवरी के पहले सप्ताह में फैशन कंपटीशन होगा, जिन लड़कियों में टैलेंट होगा वो आगे बढ़ेंगी.

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