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एमएनआईटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: ऑस्ट्रेलिया, यूएसए जैसे देशों के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स भी जुड़े

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Published : Dec 20, 2022, 8:58 PM IST

जयपुर के एमएनआईटी में 12वें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कन्वेंशन का आयोजन इंडियन एसोसिएशन फॉर स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (IASE) के तत्वावधान में हो रहा (Structural engineering convention in MNIT Jaipur) है. इसमें भारत सहित विभिन्न देशों के 350 स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स भाग ले रहे हैं.

Structural engineering convention in MNIT Jaipur, international experts took part in it
एमएनआईटी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन: ऑस्ट्रेलिया, यूएसए जैसे देशों के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स भी जुड़े

जयपुर. भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों के 350 स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स जयपुर के एमएनआईटी में जुड़े. इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बढ़ती जनसंख्या, तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों की बढ़ती घटनाएं और पर्यावरणीय गिरावट की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के लिए विकास गतिविधियों को जारी रखते हुए, प्रतिकूल परिणामों पर चिंतन-मंथन करेंगे.

राजधानी के एमएनआईटी में 12वें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कन्वेंशन की शुरुआत (Structural engineering convention in MNIT Jaipur) हुई. तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन इंडियन एसोसिएशन फॉर स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (IASE) के तत्वावधान में हो रहा है. इसका उद्घाटन इंडियन एसोसिएशन फॉर स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो संतोष कपूरिया ने किया. इस दौरान आईएएसई के उपाध्यक्ष प्रो कुमार भट्टाचार्य सहित आईएएसई के पदाधिकारी मौजूद रहे. इस सम्मेलन में 49 टेक्निकल सत्र, 25 कीनोट सत्र, 3 प्लेनरी और 6 आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन होगा.

पढ़ें: बिश्नोई समाज और जाम्भाणी साहित्य अकादमी की ओर से दुबई में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन

सम्मलेन में देश-दुनिया के जाने-माने 350 स्ट्रक्चरल इंजीनिरिंग एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं. जिसमें भारत के साथ प्रमुख देश आस्ट्रेलिया, USA, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों के एक्सपर्ट शामिल हैं. सम्मेलन के पहले दिन एक्सपर्ट्स ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या, तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों की बढ़ती घटनाएं और पर्यावरणीय गिरावट चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के लिए विकास गतिविधियों को जारी रखते हुए, प्रतिकूल परिणामों पर चिंतन- मंथन किया जा रहा है.

पढ़ें: तीन दिवसीय जल सम्मेलन का आगाजः 6 महाद्वीपों के जल जीवन विशेषज्ञ करेंगे समस्या समाधान पर चर्चा

उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियर हमेशा उन चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए नवीन उपकरणों और तकनीकों की तलाश में रहे हैं, जिनका सामना वो संरचनाओं की योजना, विश्लेषण, डिजाइन और निर्माण के दौरान करते हैं. आपको बता दें कि इस सम्मेलन का उद्देश्य स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चुनौती का सामना करने के लिए आवश्यक उभरते शोध, रुझानों और तकनीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए सभी सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरों को एक मंच प्रदान करना है.

जयपुर. भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों के 350 स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स जयपुर के एमएनआईटी में जुड़े. इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बढ़ती जनसंख्या, तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों की बढ़ती घटनाएं और पर्यावरणीय गिरावट की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के लिए विकास गतिविधियों को जारी रखते हुए, प्रतिकूल परिणामों पर चिंतन-मंथन करेंगे.

राजधानी के एमएनआईटी में 12वें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कन्वेंशन की शुरुआत (Structural engineering convention in MNIT Jaipur) हुई. तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन इंडियन एसोसिएशन फॉर स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (IASE) के तत्वावधान में हो रहा है. इसका उद्घाटन इंडियन एसोसिएशन फॉर स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो संतोष कपूरिया ने किया. इस दौरान आईएएसई के उपाध्यक्ष प्रो कुमार भट्टाचार्य सहित आईएएसई के पदाधिकारी मौजूद रहे. इस सम्मेलन में 49 टेक्निकल सत्र, 25 कीनोट सत्र, 3 प्लेनरी और 6 आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन होगा.

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सम्मलेन में देश-दुनिया के जाने-माने 350 स्ट्रक्चरल इंजीनिरिंग एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं. जिसमें भारत के साथ प्रमुख देश आस्ट्रेलिया, USA, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों के एक्सपर्ट शामिल हैं. सम्मेलन के पहले दिन एक्सपर्ट्स ने बताया कि बढ़ती जनसंख्या, तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों की बढ़ती घटनाएं और पर्यावरणीय गिरावट चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के लिए विकास गतिविधियों को जारी रखते हुए, प्रतिकूल परिणामों पर चिंतन- मंथन किया जा रहा है.

पढ़ें: तीन दिवसीय जल सम्मेलन का आगाजः 6 महाद्वीपों के जल जीवन विशेषज्ञ करेंगे समस्या समाधान पर चर्चा

उन्होंने बताया कि स्ट्रक्चरल इंजीनियर हमेशा उन चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए नवीन उपकरणों और तकनीकों की तलाश में रहे हैं, जिनका सामना वो संरचनाओं की योजना, विश्लेषण, डिजाइन और निर्माण के दौरान करते हैं. आपको बता दें कि इस सम्मेलन का उद्देश्य स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चुनौती का सामना करने के लिए आवश्यक उभरते शोध, रुझानों और तकनीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए सभी सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरों को एक मंच प्रदान करना है.

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