जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने एयर इंडिया की ओर से नियुक्त किए गए एजेंट की कार्रवाई के लिए भी एयर इंडिया को जिम्मेदार मानते हुए उसे एयर टिकट के तौर पर उपभोक्ता से ली गई 7 लाख रुपए की राशि लौटाने का निर्देश दिया है. साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग की ओर से एयर इंडिया पर लगाए 50 हजार रुपए हर्जाने को बरकरार रखा है. आयोग के न्यायिक सदस्य निर्मल सिंह मेड़तवाल और सदस्य लियाकत अली ने यह आदेश एयर इंडिया लिमिटेड की अपील को खारिज करते हुए दिए.
आयोग ने कहा कि अपीलार्थी के यह कहने मात्र से उसकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती कि उसे टिकट बुकिंग के रुपए नहीं मिले थे और टिकट फर्जी थे. यदि टिकट फर्जी भी थे तो एयर इंडिया को एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए थी. मामले के अनुसार, परिवादी शैलेन्द्र भार्गव और मंजू भार्गव ने अन्य परिजनों के साथ भारत से यूएसए जाने के लिए एयर इंडिया के अधिकृत एजेंट अर्श टूर, मुंबई के जरिए 8 और 9 मार्च 2020 को 7 लाख रुपए का भुगतान कर टिकट बुक कराए थे.
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एयर इंडिया ने राज्य उपभोक्ता आयोग में दी थी चुनौती : एजेंट ने कंफर्म टिकट बुक कर पीआरएन नंबर व टिकट नंबर दे दिया. जब उन्होंने मई 2020 में अपने टिकटों की स्थिति देखी तो पता चला कि सभी टिकट रद्द कर दिए हैं, जबकि परिवादियों ने टिकट रद्द नहीं कराए थे. इसका कारण पूछने पर एयर इंडिया ने कहा कि एजेंट ने टिकट बनाकर खुद ही रद्द कर दिए हैं. जब परिवादी ने एजेंट के ऑफिस पर पता किया तो वह बंद मिला. इस पर परिवादी ने टिकट राशि रिफंड के लिए एयर इंडिया से संपर्क किया, लेकिन उसने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. एयर इंडिया और एजेंट की इस कार्रवाई को परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी थी. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादियों के पक्ष में फैसला दिया. इस आदेश को एयर इंडिया ने राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी थी.