जयपुर. महिला उत्पीड़न और दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत महानगर द्वितीय ने विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अभियुक्त सास-ससुर किशनलाल साहू और तारा देवी के साथ ही पति गौरीशंकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल तीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
पीठासीन अधिकारी आशा चौधरी ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने मृतका को दहेज के लिए इतना प्रताड़ित किया कि उसने आत्महत्या कर ली. अभियुक्तों का कृत्य माफी योग्य नहीं है. ऐसे में उनके प्रति किसी तरह की नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पूजा का विवाह 20 सितंबर 2020 को गौरीशंकर के साथ हुआ था. दोनों का यह दूसरा विवाह था. विवाह के बाद से ही अभियुक्त उसे कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करते थे. इसके चलते उसने 23 अप्रैल 2021 को आत्महत्या कर ली. घटना को लेकर मृतका पूजा के पिता महेश साहू ने शास्त्री नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि अभियुक्तों के तानों और मानसिक प्रताड़ना के चलते उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.
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आत्महत्या से पहले बेटी ने उन्हें मैसेज भेजकर दहेज प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने की बात कही. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मृतका के कमरे की तलाशी ली. जहां पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ. जिसमें पीड़िता ने उसके साथ हुए प्रताड़ना के बारे में लिखा था. इस पर पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं अभियुक्तों की ओर से अदालत में दलील दी गई कि मृतका हमेशा तनाव में रहती थी और उन्होंने उसे कभी भी दहेज के लिए प्रताड़ित नहीं किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.