जयपुर. महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत महानगर द्वितीय ने दहेज हत्या के अभियुक्त पति सुनील तोमर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मृतक के भाई और माता-पिता सहित अन्य परिजनों ने पुलिस के समक्ष मृतक को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के बयान दिए थे. कोर्ट के समक्ष राजीनामा होने के चलते कार्रवाई नहीं चाहने की बात कही है, जिससे साबित है कि अभियुक्त की ओर से मृतक को प्रताड़ित किया जाता था. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि ऐसे अपराध घटित होते रहे तो समाज का शादी जैसी व्यवस्था से विश्वास कम हो जाएगा और यह मानव विकास के लिए घातक होगा.
इसके अलावा कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों की मानसिकता के पीछे भी ऐसे ही अपराधों की जड़ काम करती हैं, क्योंकि माता-पिता को यह चिंता सताती है कि लड़की को जन्म देने पर उसकी शादी में बहुत खर्च होगा और फिर भी उसके ससुराल में खुश रहने की गारंटी नहीं है. ऐसे अपराध लड़कियों के मन में भी यह भावना पैदा करते हैं कि पढाई से अर्जित योग्यता कोई मायने नहीं रखती और शादी में खर्च पैसे व अधिक दहेज ही उसके पति को खुश रख सकते हैं.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नरेश गजराज ने अदालत को बताया कि मृतक रीना के भाई पवन सिंह ने 15 फरवरी, 2021 को करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बहन की एक दिन पहले गला घोंटकर हत्या की गई है. उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे और इसके चलते उसकी हत्या की गई है. इस पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियुक्त की ओर से अपने बचाव में कहा गया कि मृतका के संतान नहीं होने के कारण वह अवसाद में थी और इसके चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दहेज हत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.