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पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से ज्यादती करने वाले धर्म शिक्षक को सुनाई 20 साल की सजा - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से ज्यादती (20 years imprisonment to religious teacher) करने वाले धर्म शिक्षक को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही जुर्माना भी लगाया है.

Special court for POCSO,  sentenced 20 years imprisonment
धर्म शिक्षक को सुनाई 20 साल की सजा.
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Published : Aug 1, 2023, 8:43 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 2 महानगर द्वितीय ने नमाज और कुरान की शिक्षा लेने वालने वाले नाबालिग से ज्यादती करने वाले धर्म शिक्षक सरफराज अहमद को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि 13 जून 2022 को पीड़ित बालक के पिता ने सुभाष चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका नाबालिग बेटा मोहल्ला पन्नीगरान की सुनहरी मस्जिद में सरफराज के पास नमाज और कुरान की शिक्षा लेने जाता है. एक मई 2022 को वह उसे रोजा इफ्तारी देने मस्जिद गया तो देखा की अभियुक्त उसके बेटे से अश्लील हरकत कर रहा है. इसकी शिकायत करने पर अभियुक्त ने उससे माफी मांग ली. इस पर वह वापस आ गया.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

वहीं इसके बाद उसका बेटा गुमसुम रहने लगा. इसका कारण पूछने पर 12 जून को बेटे ने बताया कि अभियुक्त ने उसके साथ कई बार ज्यादती की है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को 16 जून को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़ित की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त उसे कई बार अपने घर ले जा चुका है, जहां उसने उसे नशीला शरबत पिलाया, जिससे वह बेहोश हो गया. काफी देर बाद होश आने पर उसे अपने साथ हुई ज्यादती का पता चला. वहीं अभियुक्त की ओर से अदालत को बताया गया कि बालक के पिता ने उससे दो लाख रुपए उधार लिए थे. जब उसने अपने रुपए वापस मांगे तो पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया और उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 2 महानगर द्वितीय ने नमाज और कुरान की शिक्षा लेने वालने वाले नाबालिग से ज्यादती करने वाले धर्म शिक्षक सरफराज अहमद को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि 13 जून 2022 को पीड़ित बालक के पिता ने सुभाष चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका नाबालिग बेटा मोहल्ला पन्नीगरान की सुनहरी मस्जिद में सरफराज के पास नमाज और कुरान की शिक्षा लेने जाता है. एक मई 2022 को वह उसे रोजा इफ्तारी देने मस्जिद गया तो देखा की अभियुक्त उसके बेटे से अश्लील हरकत कर रहा है. इसकी शिकायत करने पर अभियुक्त ने उससे माफी मांग ली. इस पर वह वापस आ गया.

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वहीं इसके बाद उसका बेटा गुमसुम रहने लगा. इसका कारण पूछने पर 12 जून को बेटे ने बताया कि अभियुक्त ने उसके साथ कई बार ज्यादती की है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को 16 जून को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़ित की ओर से अदालत को बताया गया कि अभियुक्त उसे कई बार अपने घर ले जा चुका है, जहां उसने उसे नशीला शरबत पिलाया, जिससे वह बेहोश हो गया. काफी देर बाद होश आने पर उसे अपने साथ हुई ज्यादती का पता चला. वहीं अभियुक्त की ओर से अदालत को बताया गया कि बालक के पिता ने उससे दो लाख रुपए उधार लिए थे. जब उसने अपने रुपए वापस मांगे तो पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया और उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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