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राजधानी में शिक्षकों का जमघट, कुछ ने शैक्षिक सम्मेलन में सीएम को सुना कुछ ने दिया धरना

राजधानी में शुक्रवार को शिक्षकों का जमघट लगा. कुछ यूनिवर्सिटी कन्वेंशन सेंटर में सीएम के साथ शैक्षिक सम्मेलन के लिए जुटे तो कुछ राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ शहीद स्मारक पर आंदोलन करते हुए धरने पर बैठे (Rajasthan Shaikshik Sammelan 2022).

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Published : Nov 26, 2022, 7:18 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 9:56 AM IST

जयपुर. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शुक्रवार को शहीद स्मारक पर धरना दिया. धरने में सभी जिलों से संगठन प्रतिनिधि के साथ सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया. शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग में टीएसपी सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और दो वर्ष से नियमित डीपीसी नहीं होने से शिक्षकों में रोष व्याप्त है (Rajasthan Shaikshik Sammelan 2022).

आंदोलनरत शिक्षकों के मुताबिक सरकार की हठधर्मिता के कारण शिक्षकोऺ में व्याप्त असंतोष के चलते प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन का आयोजन नहीं किया. साथ ही शिक्षकों की प्रमुख मांगों के त्वरित निस्तारण के लिए प्रदेश स्तरीय ध्यानाकर्षण धरना लगाया. उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मांग नहीं मानी गई तो इन मांगों के लिए जनवरी में महासंघ सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन का आगाज करेगा.

धरने पर बैठे शिक्षक

ये रही शिक्षकों की प्रमुख मांगें :

  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के गृह जिले में समायोजन
  • समयबध्द निर्धारित अवधि में ही निश्चित पोलिसी बनाकर स्थानान्तरण किये जाए
  • शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए
  • विभाग की ओर से नियमित डीपीसी प्रक्रिया गत वर्षों से नहीं हो पा रही है। नये शिक्षा सेवा नियम 2022 इसमें बाधक बन रहे हैं, इनकी तुरंत समीक्षा कर सभी पदोन्नत किया प्रक्रिया पूरी की जाए.
  • संस्कृत शिक्षा सेवा नियम 2018 पर पुनर्विचार किया जाए.
  • खेमराज कमेटी की लाभकारी शिफारिश लागू कर वेतन विसंगति दूर कर केन्द्र के समान की जाए.
  • नव क्रमोन्नत विद्यालयों में 2013 से हिंदी और अंग्रेजी के व्याख्याताओं के पद सजन किया जाए.
  • विशेष बच्चों के लिए विशेष अध्यापक भर्ती और विशेष व्याख्याता पद सृजन कर सहित विशेष शिक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जाए.
  • महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के पद तुरंत स्वीकृत किए जाए और संविदा आधारित भर्ती नहीं कर नियमित भर्ती की जाए.
  • कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए.

पढ़ें-जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथि में बदलाव से शिक्षक संगठन नाराज, विधायकों को नहीं बुलाने का एलान

ये भी पढ़ें-गहलोत का इशारों इशारों में तंज, कहा- अपमान का घूंट पीना सीखना चाहिए

उधर, शहीद स्मारक पर ही शिक्षा विभाग में उप प्राचार्य के पदों की DPC को लेकर तृतीय श्रेणी अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक आंदोलन की राह पर उतरे. शिक्षकों ने मांग रखी कि उप प्राचार्य के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएं और 50 प्रतिशत पद DPC से भरे जाएं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अब राज्य सरकार सुनवाई नहीं करती है तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़कर अपनी मांगें उनके समक्ष रखेंगे.

जयपुर. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शुक्रवार को शहीद स्मारक पर धरना दिया. धरने में सभी जिलों से संगठन प्रतिनिधि के साथ सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया. शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा विभाग में टीएसपी सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और दो वर्ष से नियमित डीपीसी नहीं होने से शिक्षकों में रोष व्याप्त है (Rajasthan Shaikshik Sammelan 2022).

आंदोलनरत शिक्षकों के मुताबिक सरकार की हठधर्मिता के कारण शिक्षकोऺ में व्याप्त असंतोष के चलते प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन का आयोजन नहीं किया. साथ ही शिक्षकों की प्रमुख मांगों के त्वरित निस्तारण के लिए प्रदेश स्तरीय ध्यानाकर्षण धरना लगाया. उन्होंने बताया कि शिक्षकों की मांग नहीं मानी गई तो इन मांगों के लिए जनवरी में महासंघ सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन का आगाज करेगा.

धरने पर बैठे शिक्षक

ये रही शिक्षकों की प्रमुख मांगें :

  • तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों के गृह जिले में समायोजन
  • समयबध्द निर्धारित अवधि में ही निश्चित पोलिसी बनाकर स्थानान्तरण किये जाए
  • शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए
  • विभाग की ओर से नियमित डीपीसी प्रक्रिया गत वर्षों से नहीं हो पा रही है। नये शिक्षा सेवा नियम 2022 इसमें बाधक बन रहे हैं, इनकी तुरंत समीक्षा कर सभी पदोन्नत किया प्रक्रिया पूरी की जाए.
  • संस्कृत शिक्षा सेवा नियम 2018 पर पुनर्विचार किया जाए.
  • खेमराज कमेटी की लाभकारी शिफारिश लागू कर वेतन विसंगति दूर कर केन्द्र के समान की जाए.
  • नव क्रमोन्नत विद्यालयों में 2013 से हिंदी और अंग्रेजी के व्याख्याताओं के पद सजन किया जाए.
  • विशेष बच्चों के लिए विशेष अध्यापक भर्ती और विशेष व्याख्याता पद सृजन कर सहित विशेष शिक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया जाए.
  • महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के पद तुरंत स्वीकृत किए जाए और संविदा आधारित भर्ती नहीं कर नियमित भर्ती की जाए.
  • कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए.

पढ़ें-जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथि में बदलाव से शिक्षक संगठन नाराज, विधायकों को नहीं बुलाने का एलान

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उधर, शहीद स्मारक पर ही शिक्षा विभाग में उप प्राचार्य के पदों की DPC को लेकर तृतीय श्रेणी अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक आंदोलन की राह पर उतरे. शिक्षकों ने मांग रखी कि उप प्राचार्य के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएं और 50 प्रतिशत पद DPC से भरे जाएं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अब राज्य सरकार सुनवाई नहीं करती है तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़कर अपनी मांगें उनके समक्ष रखेंगे.

Last Updated : Nov 26, 2022, 9:56 AM IST
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