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मरीजों के लिए राहत: SMS मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और रेजिडेंट्स के बीच समझौता, काम पर लौटे रेजिडेंट डॉक्टर्स

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Published : Apr 3, 2023, 9:03 AM IST

प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल और रेजिडेंट्स के बीच समझौता हो गया है. अब रेजिडेंट और डॉक्टर्स काम पर लौट आए हैं.

Resident doctors call off strike
Resident doctors call off strike

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल को लेकर निजी डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच राइट टू हेल्थ बिल को लेकर जारी आंदोलन से सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर ने अपना हाथ खींच लिया है. जिससे निजी डॉक्टर्स के आंदोलन को बड़ा झटका लगा है. जबकि, सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और रेसिडेंट प्रतिनिधिमंडल के बीच हुए समझौते के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हुई. हालांकि, आरटीएच के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में सभी रेजिडेंट्स अपना सांकेतिक प्रदर्शन जारी रखेंगे.

इन पर बनी सहमति

  1. जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी रेजिडेंट्स अपने कार्य बहिष्कार को खत्म करते हैं.
  2. 3 अप्रैल को सभी रेजिडेंट सुबह 8.00 बजे अपने कार्य पर लौटेंगे.
  3. 2021 बैच से शुरू हो रहे डीआरपी प्रोग्राम में गणगौरी हॉस्पिटल, कांवटिया हॉस्पिटल को शामिल करने के लिए सक्षम स्तर से पत्राचार किया जाएगा.
  4. जयपुर जिले के दूसरे 100 बेड से वाले हॉस्पिटल को शामिल करने के लिए सक्षम स्तर से पत्राचार किया जाएगा.
  5. डीआरपी प्रोग्राम में सभी रेजिडेंट्स के Accomodation and Safety की उचित व्यवस्था के लिए सीएमएचओ/जिला प्रशासन से समन्वय किया जाएगा.
  6. सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स को Compulsary Weekly Day off के लिए सभी इकाई प्रमुख को पत्र लिखकर इसकी पालना सुनिश्चित कराई जाएगी.
  7. जार्ड की पुरानी सभी लंबित मांग पर सकारात्मक पहल के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
  8. कार्य बहिष्कार की अवधि को राजकीय अवकाश/ डे ऑफ में समायोजित किया जाएगा और इस अवधि के दौरान कार्य बहिष्कार में शामिल रहे किसी भी रेजिडेंट पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
  9. अगर रेसिडेंट्स की मांगों पर पालना शीघ्र ही सुनिश्चित नहीं कराई जाती है, तो सभी रेजिडेंट्स कठोर फैसला लेने के लिए मजबूर होंगे.
  10. आरटीएच के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में सभी रेजिडेंट्स अपना सांकेतिक प्रदर्शन जारी रखेंगे.

पढ़ें : Protest against Right to Health Bill : डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से चरमराई प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्था

दरअसल, रविवार देर रात हुई जीबीएम में जॉइंट एक्शन कमेटी ने भी काम पर लौटने का फैसला लेते हुए अपनी हड़ताल खत्म की. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और रेजिडेंट प्रतिनिधिमंडल के बीच हुए समझौते के बाद सोमवार को करीब 2 सप्ताह बाद सरकारी अस्पतालों में इलाज लेने पहुंचने वाले मरीजों को मायूस नहीं लौटना पड़ेगा.

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल को लेकर निजी डॉक्टर्स और सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच राइट टू हेल्थ बिल को लेकर जारी आंदोलन से सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर ने अपना हाथ खींच लिया है. जिससे निजी डॉक्टर्स के आंदोलन को बड़ा झटका लगा है. जबकि, सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और रेसिडेंट प्रतिनिधिमंडल के बीच हुए समझौते के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हुई. हालांकि, आरटीएच के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में सभी रेजिडेंट्स अपना सांकेतिक प्रदर्शन जारी रखेंगे.

इन पर बनी सहमति

  1. जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी रेजिडेंट्स अपने कार्य बहिष्कार को खत्म करते हैं.
  2. 3 अप्रैल को सभी रेजिडेंट सुबह 8.00 बजे अपने कार्य पर लौटेंगे.
  3. 2021 बैच से शुरू हो रहे डीआरपी प्रोग्राम में गणगौरी हॉस्पिटल, कांवटिया हॉस्पिटल को शामिल करने के लिए सक्षम स्तर से पत्राचार किया जाएगा.
  4. जयपुर जिले के दूसरे 100 बेड से वाले हॉस्पिटल को शामिल करने के लिए सक्षम स्तर से पत्राचार किया जाएगा.
  5. डीआरपी प्रोग्राम में सभी रेजिडेंट्स के Accomodation and Safety की उचित व्यवस्था के लिए सीएमएचओ/जिला प्रशासन से समन्वय किया जाएगा.
  6. सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स को Compulsary Weekly Day off के लिए सभी इकाई प्रमुख को पत्र लिखकर इसकी पालना सुनिश्चित कराई जाएगी.
  7. जार्ड की पुरानी सभी लंबित मांग पर सकारात्मक पहल के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
  8. कार्य बहिष्कार की अवधि को राजकीय अवकाश/ डे ऑफ में समायोजित किया जाएगा और इस अवधि के दौरान कार्य बहिष्कार में शामिल रहे किसी भी रेजिडेंट पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
  9. अगर रेसिडेंट्स की मांगों पर पालना शीघ्र ही सुनिश्चित नहीं कराई जाती है, तो सभी रेजिडेंट्स कठोर फैसला लेने के लिए मजबूर होंगे.
  10. आरटीएच के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में सभी रेजिडेंट्स अपना सांकेतिक प्रदर्शन जारी रखेंगे.

पढ़ें : Protest against Right to Health Bill : डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से चरमराई प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्था

दरअसल, रविवार देर रात हुई जीबीएम में जॉइंट एक्शन कमेटी ने भी काम पर लौटने का फैसला लेते हुए अपनी हड़ताल खत्म की. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और रेजिडेंट प्रतिनिधिमंडल के बीच हुए समझौते के बाद सोमवार को करीब 2 सप्ताह बाद सरकारी अस्पतालों में इलाज लेने पहुंचने वाले मरीजों को मायूस नहीं लौटना पड़ेगा.

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