जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में रोबोट के जरिए सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है. इस रोबोट ने सिर्फ दो दिनों में पांच बड़े ऑपरेशन कर एक नया कीर्तमान बनाया है. एसएमएस अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने पित्त की थैली और हर्निया का सफलतापूर्वक रोबोटिक तकनीक से सर्जरी की है. इससे पहले यूरोलॉजी विभाग ने भी बीते दो दिनों में रोबोटिक सर्जरी को अंजाम दिया है.
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि राजस्थान के मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी पूर्णता निशुल्क है और बीते दो दिनों में पांच बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया जा चुका है. अस्पताल में करीब 50 करोड़ की लागत से दो रोबोटिक सिस्टम इंस्टॉल किए गए थे. इसके बाद डॉक्टर्स की ट्रैनिंग के बाद अब सर्जरी की जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले लेप्रोस्कॉपी के जरिए सर्जरी की जाती थी, लेकिन अब रोबोट के जरिए सर्जरी हो रही है.
उन्होंने बताया कि शरीर में कई जगह ऐसी होती है, जहां पहुंचना काफी मुश्किल होता था. लेकिन रोबोट असिस्टेड सर्जरी में बहुत आसानी से सर्जरी संभव है. उन्होंने कहा कि आज एसएमएस अस्पताल देश का दूसरा सरकारी चिकित्सा संस्थान है, जहां रोबोट तकनीक से मरीजों की सर्जरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि रोबोट के जरिए प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब की थैली के कैंसर समेत अन्य सर्जरी अब की जा सकेगी.
इसे भी पढ़ें - SMS मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में खुलेंगे 74 नए दवा काउंटर
डॉ. शर्मा ने आगे बताया कि अमेरिका में 90 फीसदी सर्जरी रोबोटिक असिस्टेड से ही होती है. वहीं, रही बात राजस्थान में इस उपचार पद्धति में आने वाले खर्च की तो यहां मरीजों पर इसका कोई भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि चिरंजीवी योजना के तहत यहां निशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है. वहीं, सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि रोबोट द्वारा चार मरीजों के गुर्दे का ऑपरेशन किया गया था. जिसमें से तीन मरीजों के गुर्दे पूरी तरीके से खराब हो चुके थे. जिनका सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी किया गया है.
एक्स-रे विभाग में टूटे शीशे - वहीं, सोमवार को सवाई मानसिंह अस्पताल के एक्स-रे विभाग में अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला. यहां एक्स-रे करवाने के लिए मरीजों की लंबी कतार लग गई. जबकि अभी भी एक्स-रे रूम में मैन्युअली ही काम किया जा रहा है. जिसके कारण मरीजों की लंबी कतार लग गई. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों का सब्र टूट गया, जिसके बाद एक्स-रे विभाग में धक्का-मुक्की के कारण शीशे टूट गए. दरअसल, काउंटर पर रजिस्ट्रेशन के लिए सॉफ्टवेयर की बजाय मैन्युअल काम हो रहा है. जिसके कारण काफी वक्त लग रहा है.