जयपुर. राजधानी में स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट लोगों के लिए ख्वाब बनता जा रहा है. चांदपोल बाजार में काम नहीं हो रहा और जहां काम हुआ वहां क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा. किशनपोल बाजार में स्मार्ट रोड तो बना दी गई, लेकिन ना तो इसे वाईफाई से जोड़ा गया और ना अब तक सीसीटीवी कैमरे और सैंसर लग पाए. यहां तक कि बाजार में नॉन मोटर व्हीकल ट्रैक तैयार किया गया. जहां भी फिलहाल गाड़ियों की पार्किंग हो रही है.
प्रधानमंत्री का अहम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी जयपुर में दूर का ढोल जैसा बना हुआ है. करीब 3 साल से स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है और बीते करीब एक साल से स्मार्ट रोड का काम चल रहा है. लेकिन, शहर में ना तो स्मार्ट सिटी का कोई लुक दिखता है और ना स्मार्ट रोड का कोई स्वरूप.
स्मार्ट सिटी कंपनी किशनपोल में बनाई गई स्मार्ट रोड के काम पर वाहवाही बटोर रही है, लेकिन हकीकत में यहां स्मार्ट जैसा कुछ देखने को नहीं मिलता. अब तक ना तो इस रोड को वाईफाई से जोड़ा गया है और ना ही अब तक सीसीटीवी कैमरे और सैंसर लगाए गए हैं. यही नहीं स्मार्ट रोड पर नॉन मोटराइज्ड व्हीकल ट्रैक तैयार किया गया था.
जिस पर सिर्फ ई-रिक्शा, साइकिल आदि चलनी थी. लेकिन, इस कॉरिडोर को भी बतौर पार्किंग इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं जिम्मेदारों का तर्क है कि एक रोड पर नॉन मोटराइज्ड व्हीकल ट्रैक को क्रियान्वयन में लाने का कोई फायदा नहीं. जब 2 से ज्यादा स्मार्ट रोड तैयार हो जाएंगी, उसके बाद इसे इंप्लीमेंट किया जाएगा. ताकि इसे आदत में ढाला जा सके.
करीब एक महीने पहले किशनपोल बाजार में छोटी चौपड़ से अजमेरी गेट तक ये ट्रैक बनाया गया था. उस समय ईटीवी भारत ने स्मार्ट रोड पर पार्किंग की व्यवस्था को सुनिश्चित नहीं किए जाने का सवाल उठाया था, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. यही वजह है कि आज इसी ग्रीन कॉरिडोर पर लोगों की गाड़ियां पार्क हो रही हैं और स्मार्ट रोड में स्मार्ट जैसा कुछ नजर नहीं आ रहा.