जयपुर. राजस्थान विधानसभा का दूसरा सत्र 27 जून से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में इस सत्र की हंगामेदार होने की पूरी उम्मीद है. क्योंकि विपक्ष में बैठी बीजेपी जनहित और जन समस्याओं को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है, तो वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों को जवाब देने के लिए कमर कस चुका है.
दरअसल, 15वीं विधानसभा का दूसरा सत्र इस बार भी हंगामेदार होने वाला है. जहां, सत्ता पक्ष इस सत्र में अपना पूर्ण बजट लाएगा और अपने कई विधेयक को पेश करेगा, तो वहीं विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है. विपक्ष ने पिछले दिनों अपने विधायकों के साथ बैठक कर किस तरीके से और किन किन मुद्दों पर सत्ता पक्ष को सदन के अंदर घेरा जा सकता है, उसकी रणनीति पर चर्चा की. वहीं, सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों के जवाब देने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. विपक्ष ने जहां बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं को मुद्दा बनाकर सदन में जाने की तैयारी की है, तो वहीं सत्ता पक्ष भी विपक्ष को अपने कार्यकाल के दौरान की गई व्यवस्थाओं को लेकर अवगत कराएगा.
वहीं, जब पानी, बिजली की समस्या को लेकर सदन में घेरने की तैयारी कर रही विपक्ष के सवाल पर ऊर्जा और जलदाय विभाग के मंत्री, बीडी कल्ला से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी विपक्ष में है और विपक्ष के नाते उन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है. लेकिन, जनहित के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. बीजेपी को पहले अपने कार्यकाल के दौरान बिजली, पानी की व्यवस्थाओं का आकलन कर लेना चाहिए और फिर सत्ता पक्ष पर सवाल उठाने चाहिए. कल्ला ने कहा कि सरकार बनने के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में पानी की किल्लत नहीं हो, इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली थी. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में नए ट्यूबेल और नलकूप लगाने के लिए टेंडर जारी किए गए. पानी के वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लेकर पहले ही व्यवस्था की गई और उसी का परिणाम था की प्रदेश में पानी को लेकर कहीं पर भी कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ और ना ही कहीं पर पानी को लेकर को विकराल स्थिति आई.
कल्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार में किसानों को फ्री में बिजली कनेक्शन दिए गए हैं. बिजली की जो कटौती थी, वह कटौती बंद कर दी गई है. लोगों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यकता अनुसार बिजली मिल रही है, फिर चाहे वह किसान हो या आम जनता. जबकि, बीजेपी सरकार के वक्त पानी और बिजली की किल्लत को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. वहीं, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि बीजेपी किसानों की ऋणमाफी को लेकर 15वीं विधानसभा के पहले सत्र में भी जबरन सदन में हंगामा किया था, जबकि कांग्रेस ने जो घोषणा की थी, उस घोषणा के अनुसार किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिया जा रहा है. बीजेपी सरकार के वक्त किसानों के ऊपर लाठियां बरसाई गई थी, उन्हें अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए.
ऐसे में मतलब साफ है कि इस बार विधानसभा का दूसरा सत्र भी हंगामेदार रहेगा. जिस तरीके से विपक्ष अपनी तैयारी कर रहा है, उससे साफ है कि सत्ता पक्ष को आसानी से सदन नहीं चलाने देगा. लेकिन, इन सबके बीच यह भी जरूरी है कि कहीं ऐसा नहीं हो कि विपक्ष अपनी राजनीतिक लाभ के साथ आम जनता के लिए जो विधेयक सदन में पास होने हैं, उनमें कोई रुकावट पैदा ना हो जाए.