ETV Bharat / state

TSP क्षेत्र में लगे नॉन TSP क्षेत्र के हजारों शिक्षकों के समायोजन की मांग, राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

शिक्षक संगठन राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर टीएसपी क्षेत्र में कार्यरत सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शिक्षकों को समायोजित करने की मांग (Teachers Protest in Jaipur) की है.

second and third Grade Teachers Protest
second and third Grade Teachers Protest
author img

By

Published : Jun 11, 2023, 7:23 PM IST

शिक्षक संगठनों की ये है मांग

जयपुर. शिक्षक संगठन राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार पर शिक्षकों के साथ समान नागरिकता का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है. टीएसपी क्षेत्र में लगे करीब 2400 सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शिक्षकों को नॉन टीएसपी क्षेत्र के होने के बावजूद उन्हें समायोजित नहीं किया गया है. इसके साथ ही न ही उनकी पदोन्नति हो रही और न ही वहां के अधिकार मिल रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सभी विभागों के कार्मिकों की तर्ज पर शिक्षकों का भी समायोजन करने की मांग उठाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.

समायोजन की प्रक्रिया वन वे प्रोसेस : 2014 में डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिला और उदयपुर का आंशिक भाग ही टीएसपी क्षेत्र था. इस कारण 2016 तक ऑप्शन देने वाले शिक्षकों की संख्या करीब एक हजार थी, लेकिन 2016 के बाद टीएसपी क्षेत्र का विस्तार होने के साथ ही ऐसे शिक्षकों की संख्या अब करीब 2 हजार 400 है. शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि टीएसपी क्षेत्र से सामान्य जिलों में समायोजन की प्रक्रिया वन वे प्रोसेस है, क्योंकि एक बार समायोजन होने के बाद टीएसपी क्षेत्र से तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के अंतर्जिला तबादले की परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी.

पढे़ं. राजस्थान: शिक्षा विभाग में तबादला बना विधायकों को साधने का जरिया, 3 महीने में 10 हजार ट्रांसफर

भेदभाव का आरोप लगाया : उन्होंने आरोप लगाया कि इन जिलों के शिक्षक पदोन्नति के लिए पात्र होते हुए भी उन्हें पदोन्नति की पात्रता सूची से हटाया जाता है. वो जिस ग्रेड पर भर्ती हुए थे, उसी ग्रेड पर आज तक नौकरी कर रहे हैं. यहां पद रिक्त नहीं होने की वजह से स्थानीय बेरोजगार युवाओं की नई भर्तियां भी नहीं हो पा रही. ऐसे में शिक्षक संगठन राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि टीएसपी क्षेत्र से सरकार सामान्य जिलों के शिक्षकों का समायोजन करे या फिर 10 से 25 वर्षों से टीएसपी क्षेत्र में सेवा दे रहे शिक्षकों को टीएसपी क्षेत्र के सभी लाभ परिलाभ दिए जाए. इससे टीएसपी क्षेत्र में सेवा दे रहे शिक्षकों के बच्चे भी टीएसपी क्षेत्र के लाभ प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जब सभी विभागों के कार्मिकों का समायोजन कर दिया गया है तो शिक्षकों को वंचित क्यों रखा जा रहा है? ऐसे में उन्होंने नई भर्ती से पहले इन शिक्षकों को वहां से हटाकर समायोजन करने की मांग की है.

ये है मामला : आपको बता दें कि राजस्थान के दक्षिण अंचल के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले और उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही जिले का आंशिक भाग टीएसपी क्षेत्र में माना जाता है. टीएसपी क्षेत्र के नियमानुसार वहां केवल स्थानीय मूल निवासी L-11 तक की भर्तियों में पात्र होंगे और सामान्य जिलों के निवासी टीएसपी क्षेत्र की भर्तियों में शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसे में टीएसपी क्षेत्र के लिए अलग से विज्ञप्ति जारी होने लगी और जो कार्मिक 2014 से पहले टीएसपी क्षेत्र में सेवारत थे, उन कार्मिकों से उनकी टीएसपी क्षेत्र से बाहर सेवा देने या उसी क्षेत्र ने कार्य करने को लेकर ऑप्शन दिया गया. इनमें से जिन कार्मिकों ने टीएसपी क्षेत्र से बाहर सामान्य जिलों में सेवा देने का ऑप्शन चुना, उन्हें वैकल्पिक कार्मिकों के आने तक ही टीएसपी क्षेत्र में अपनी सेवा देनी थी. धीरे-धीरे अन्य विभागों के कार्मिकों का उनके गृह जिले में तबादला होता आया है, लेकिन टीएसपी क्षेत्र में 2014 से आज तक सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शिक्षकों का आज तक समायोजन नहीं हो सका है, हालांकि तब से लेकर अब तक करीब 10 हजार शिक्षकों की भर्तियां हो चुकी हैं.

शिक्षक संगठनों की ये है मांग

जयपुर. शिक्षक संगठन राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार पर शिक्षकों के साथ समान नागरिकता का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है. टीएसपी क्षेत्र में लगे करीब 2400 सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शिक्षकों को नॉन टीएसपी क्षेत्र के होने के बावजूद उन्हें समायोजित नहीं किया गया है. इसके साथ ही न ही उनकी पदोन्नति हो रही और न ही वहां के अधिकार मिल रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सभी विभागों के कार्मिकों की तर्ज पर शिक्षकों का भी समायोजन करने की मांग उठाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है.

समायोजन की प्रक्रिया वन वे प्रोसेस : 2014 में डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिला और उदयपुर का आंशिक भाग ही टीएसपी क्षेत्र था. इस कारण 2016 तक ऑप्शन देने वाले शिक्षकों की संख्या करीब एक हजार थी, लेकिन 2016 के बाद टीएसपी क्षेत्र का विस्तार होने के साथ ही ऐसे शिक्षकों की संख्या अब करीब 2 हजार 400 है. शिक्षक नेता विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि टीएसपी क्षेत्र से सामान्य जिलों में समायोजन की प्रक्रिया वन वे प्रोसेस है, क्योंकि एक बार समायोजन होने के बाद टीएसपी क्षेत्र से तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के अंतर्जिला तबादले की परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी.

पढे़ं. राजस्थान: शिक्षा विभाग में तबादला बना विधायकों को साधने का जरिया, 3 महीने में 10 हजार ट्रांसफर

भेदभाव का आरोप लगाया : उन्होंने आरोप लगाया कि इन जिलों के शिक्षक पदोन्नति के लिए पात्र होते हुए भी उन्हें पदोन्नति की पात्रता सूची से हटाया जाता है. वो जिस ग्रेड पर भर्ती हुए थे, उसी ग्रेड पर आज तक नौकरी कर रहे हैं. यहां पद रिक्त नहीं होने की वजह से स्थानीय बेरोजगार युवाओं की नई भर्तियां भी नहीं हो पा रही. ऐसे में शिक्षक संगठन राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि टीएसपी क्षेत्र से सरकार सामान्य जिलों के शिक्षकों का समायोजन करे या फिर 10 से 25 वर्षों से टीएसपी क्षेत्र में सेवा दे रहे शिक्षकों को टीएसपी क्षेत्र के सभी लाभ परिलाभ दिए जाए. इससे टीएसपी क्षेत्र में सेवा दे रहे शिक्षकों के बच्चे भी टीएसपी क्षेत्र के लाभ प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जब सभी विभागों के कार्मिकों का समायोजन कर दिया गया है तो शिक्षकों को वंचित क्यों रखा जा रहा है? ऐसे में उन्होंने नई भर्ती से पहले इन शिक्षकों को वहां से हटाकर समायोजन करने की मांग की है.

ये है मामला : आपको बता दें कि राजस्थान के दक्षिण अंचल के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले और उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही जिले का आंशिक भाग टीएसपी क्षेत्र में माना जाता है. टीएसपी क्षेत्र के नियमानुसार वहां केवल स्थानीय मूल निवासी L-11 तक की भर्तियों में पात्र होंगे और सामान्य जिलों के निवासी टीएसपी क्षेत्र की भर्तियों में शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसे में टीएसपी क्षेत्र के लिए अलग से विज्ञप्ति जारी होने लगी और जो कार्मिक 2014 से पहले टीएसपी क्षेत्र में सेवारत थे, उन कार्मिकों से उनकी टीएसपी क्षेत्र से बाहर सेवा देने या उसी क्षेत्र ने कार्य करने को लेकर ऑप्शन दिया गया. इनमें से जिन कार्मिकों ने टीएसपी क्षेत्र से बाहर सामान्य जिलों में सेवा देने का ऑप्शन चुना, उन्हें वैकल्पिक कार्मिकों के आने तक ही टीएसपी क्षेत्र में अपनी सेवा देनी थी. धीरे-धीरे अन्य विभागों के कार्मिकों का उनके गृह जिले में तबादला होता आया है, लेकिन टीएसपी क्षेत्र में 2014 से आज तक सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शिक्षकों का आज तक समायोजन नहीं हो सका है, हालांकि तब से लेकर अब तक करीब 10 हजार शिक्षकों की भर्तियां हो चुकी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.