जयपुर. प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए सरकार और शिक्षा विभाग की कोशिश लगातार जारी है. शिक्षा विभाग की ओर से उन सभी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी, जिनके स्कूल के बच्चों का परिणाम 50 प्रतिशत से कम रहा है.
बता दें कि हाल ही में शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को सुधारने के लिए बोर्ड परीक्षा परिणाम उन्नयन कार्य योजना बनाई है. इसमें महीने के हिसाब से पाठयक्रम विभाजन किया गया है. साथ ही गृह कार्य जांच और मासिक परख आयोजित करने के निर्देश दिए है. कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 20 फरवरी और कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से शुरू होंगी. बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए विभाग ने समय पर कोर्स पूरा करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि रिवीजन कार्य हो सके.
2018-19 में 1 हजार 699 स्कूलों का परिणाम रहा कम...
साल 2019 की परीक्षाओं की बात कें तो पूरे राज्य में 1 हजार 699 स्कूलों का परिणाम कम रहा. कक्षा 12वीं में 459 स्कूलों का परिणाम कम रहा, जिसमें कला वर्ग के 370, वाणिज्य वर्ग के 44 और विज्ञान वर्ग के 45 स्कूल शामिल हैं. इसी प्रकार से कक्षा 10वीं का प्रदेश में 1 हजार 240 स्कूलों का परिणाम कम रहा था. कक्षा 10वीं में जयपुर जिले में 59 स्कूलों, कक्षा 12वीं कला वर्ग में 15, वाणिज्य वर्ग में 7 और विज्ञान वर्ग में 3 स्कूल का परिणाम कम रहा.
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बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को बोर्ड के पैटर्न के आधार पर ही प्री-बोर्ड करवाया जाएगा. जनवरी 2020 में तीन प्रीबोर्ड होंगे. पहले दो प्री-बोर्ड 1 से 20 जनवरी के बीच होंगे. तीसरा प्री-बोर्ड जिला समान परीक्षा योजना के तहत होगा. कमजोर विद्यार्थियों के लिए संस्था प्रधानों को अपने स्तर पर ही एक्स्ट्रा क्लास लगानी होगी. वहीं प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए अलग से क्लास लगानी होगी. विद्यार्थियों को हर वर्ष के हिसाब से तैयारी कराई जाएगी. कम परिणाम वाले शिक्षकों का जुलाई में बढ़ाए जाने वाले वेतन में कटौती की जाएगी.