जयपुर. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शुक्रवार को राज्य में 21 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बढ़ाए जाने पर सूबे की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना (Satish Punia attack on Gehlot govt) साधा. पूनिया ने जयपुर ग्रामीण इलाके के एक पावर हाउस के सामने खड़े होकर कहा- "मैं आज बिजली घर के पास खड़ा हूं. मजबूर, विवश हूं लाचार हूं. आम तौर पर दीपावली पर तोहफे दिए जाते हैं, लेकिन राजस्थान की अशोक गहलोत की कांग्रेस पार्टी की सरकार ने झटके दिए हैं. बिजली के झटके तो कम हैं, लेकिन बिल के झटके अधिक हैं. फ्यूल सरचार्ज के नाम पर पहली बार नहीं, बल्कि दर्जनों (Gehlot government forgot election promises) बार ऐसा हुआ है.
ऐसे में अब राजस्थान की जनता को फ्यूल सरचार्ज से एक बार फिर दो-दो हाथ करना होगा. राज्य की जनता पर इससे करीब 375 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. पूनिया ने आगे कहा कि यह वही सरकार है. जिसने कहा था हम सस्ती व अच्छी क्वालिटी की पूरी बिजली देंगे. लेकिन गहलोत सरकार अपने किए दावे को निभाने में असफल रही है. उन्होंने कहा कि आज 'कांग्रेस आई और बिजली गई' का जुमला चरितार्थ हो रहा है. जिस तरह फ्यूल सरचार्ज की मार पड़ी है. मुझे लगता है कि राजस्थान में खासतौर पर महिलाओं का घर का बजट बिगड़ गया है. महिलाओं को इस सरकार की शक्ल बिगाड़ देनी चाहिए.
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राजस्थान डिस्कॉम ने प्रदेश में दीपावली का त्योहार निकलते ही भाई दूज के दिन 27 अक्टूबर को फ्यूल सरचार्ज का झटका बिजली उपभोक्ताओं को दे दिया है. साल 2021-22 के थर्ड क्वार्टर यानी अक्टूबर-नवंबर और दिसंबर 2021 के लिए उपभोक्ताओं पर 21 पैसे प्रति यूनिट की रेट से बिजली बिलों में राशि वसूल की जाएगी. सिर्फ कृषि उपभोक्ताओं पर यह फ्यल सरचार्ज नहीं लगेगा.
इससे पहले साल 2021-22 के दूसरे क्वार्टर का फ्यूल सरचार्ज 24 पैसे प्रति यूनिट की रेट पर बिजली उपभोक्ताओं से वसूला गया था. प्रदेश में 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें से 15.70 लाख कृषि उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज नहीं लगेगा. बाकी 1 करोड़ 31 लाख 30 हजार उपभोक्ताओं पर यह फ्यूल सरचार्ज लगेगा.