जयपुर. राजस्थान में 20 अप्रैल से चल रहा सरपंचों का आंदोलन समाप्त हो गया. ये आंदोलन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बातचीत के बाद खत्म हुआ. मुख्यमंत्री से वार्ता कर सरपंच संघ ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया. दरअसल, अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत सरपंच संघ की वार्ता चली. इसके बाद सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि 3 दिन से अधिकारियों के साथ सहमति बनी है.
सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि हमारी पहली मांग केंद्रीय वित्त आयोग का पैसा 1400 करोड़ रुपए देने की थी, उसमें से 600 करोड़ राज्य सरकार ने जारी कर दिया है. 800 करोड़ अगले महीने जारी कर दिया जाएगा, तो राज्य वित्त आयोग का जो 3000 करोड़ था उसमें से 600 करोड़ रुपए जारी हो गया है. 800 करोड़ रुपए और है उसमें से 635 करोड़ पर जारी हो गए और बाकी बचे मई महीने में ही हो जाएंगे, जिसमें से 200 करोड़ पर आज जारी हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हमारी जो मांगे थी. उसे लेकर राज्य सरकार केंद्र को भी लेटर लिखेगी. जैसे प्रधानमंत्री आवास, खाद्य सुरक्षा योजना, मनरेगा योजना ओर कार्य स्वीकृति की जो समस्याएं आ रही है, उनको लेकर हमारी सब मांगें मान ली गई है. उन्होंने कहा कि सभी सरपंचों ने मिलकर अब आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया है. हम सब काम पर लौटेंगे.
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सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरपंचों की मांगें अगर आगे भी होगी तो उसे लेकर वह सड़कों पर उतरेंगे, लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया है. बता दें कि बीते 3 दिनों से सचिवालय में मुख्य सचिव के साथ सरपंचों की बातचीत चल रही थी. वहीं, मंत्री रमेश मीणा से भी उनकी बातचीत चल रही थी, लेकिन अशोक गहलोत के साथ वार्ता के बाद सरपंचों की सहमति बन गई.