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श्मशान घाट में चिता पर जिंदा हुआ शख्श, लेकिन मौत ने पीछा नहीं छोड़ा...आखिर हुआ क्या? - चिकित्सक निलंबन

झुंझनूं में व्यक्ति को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया, जहां वो जिंदा हो गया. पढ़िए पूरा मामला...

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 22, 2024, 10:34 AM IST

Updated : Nov 22, 2024, 1:25 PM IST

झुंझुनूं/जयपुर. जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद वह श्मशान घाट में जिंदा हो गया. यह घटना तब घटी जब गुरुवार दोपहर को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद, शव को मोर्चरी भेज दिया गया, जहां उसे डी-फ्रिज में दो घंटे तक रखा गया. शव को पुलिस की मदद से पंचनामा बनवाने के बाद एंबुलेंस से श्मशान घाट ले जाया गया. श्मशान घाट पर चिता पर लेटे इस व्यक्ति के शरीर में अचानक हरकत होने लगी और उसकी सांसें चलने लगीं. यह देखकर सभी लोग चकित रह गए और तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे वापस अस्पताल भेजा गया. रात भर भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में भर्ती रखने के बाद शुक्रवार सुबह मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए जयपुर रेफर किया गया. एंबुलेंस से उसे जयपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

दरअसल झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में जीवित व्यक्ति को मृत बताने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. झुंझुनूं के बगड़ कस्बे में मां सेवा संस्थान से गुरुवार सुबह रोहिताश नाम के एक व्यक्ति को इमरजेंसी हालत में बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि रोहिताश दिव्यांग था, इलाज के दौरान चिकित्सकों ने रोहिताश को मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में डेड बॉडी को रखवा दिया, इस दौरान डेड बॉडी को लगभग 2 घंटे से अधिक समय तक डीप फ्रीजर में रखा गया,अंतिम संस्कार के दौरान जब चिता पर अग्नि देने का समय आया तो शव वक्त हरकत करने लगा. इसके बाद वहां मौजूद लोग आनन-फानन में रोहिताश को बीडीके अस्पताल मे लाया गया जिसके बाद रोहिताश को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया.

एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: घर में घुसकर सरपंच पर बरसाई थी गोलियां, 9 साल बाद दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

मृत अवस्था में पहुंचा : एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी का कहना है कि सुबह लगभग 4 बजे के बाद रोहिताश नाम के व्यक्ति को अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था और जब चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो उसका हार्ट काम नहीं कर रहा था और ईसीजी स्ट्रेट लाइन आई यानी चिकित्सकों का कहना है कि रोहिताश मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचा था . फिलहाल रोहिताश की डेड बॉडी को मोर्चरी में रखा गया है और पूरी रिपोर्ट आने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा. बताया यह भी जा रहा है कि इससे पहले भी रोहिताश का पोस्टमार्टम किया गया था, हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि कई बार मृत व्यक्ति के शरीर में हलचल दिखाई देती है लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शरीर में किसी भी तरह की हलचल दिखाई नहीं देती.

ये गंभीर लापरवाही है. जिन लोगों की लापरवाही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में भी डॉक्टर की कार्यशैली की जांच की जाएगी. : रामवतार मीना, जिला कलेक्टर

इस लापरवाही के बाद राज्य सरकार ने तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. यह निर्णय जिला कलेक्टर रामावतार मीना से प्राप्त रिपोर्ट और जांच के आधार पर लिया गया है. जिन चिकित्सकों को निलंबित किया गया है, उनमें डॉ. संदीप पंचार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल, डॉ. योगेश कुमार जाखड, चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मन्ड्रेला और डॉ. नवनीत मील, चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल शामिल हैं. निलंबित चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है.

जिला कलेक्टर रामवतार मीना (वीडियो ईटीवी भारत झुंझुनूं)

इसे भी पढ़ें: उदयपुर में भीषण सड़क हादसा: पांच लोगों की मौत, डंपर ने मारी कार को टक्कर

निलंबित चिकित्सकों की सेवाएं अब विभिन्न स्थानों पर भेजी जाएंगी. डॉ. संदीप पंचार को मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर, डॉ. योगेश कुमार जाखड को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर और डॉ. नवनीत मील को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जालौर के कार्यालय में भेजा जाएगा. इस घटना ने अस्पतालों में लापरवाही की ओर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और इसके बाद विभागीय कार्रवाई को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.

झुंझुनूं/जयपुर. जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति को मृत घोषित करने के बाद वह श्मशान घाट में जिंदा हो गया. यह घटना तब घटी जब गुरुवार दोपहर को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद, शव को मोर्चरी भेज दिया गया, जहां उसे डी-फ्रिज में दो घंटे तक रखा गया. शव को पुलिस की मदद से पंचनामा बनवाने के बाद एंबुलेंस से श्मशान घाट ले जाया गया. श्मशान घाट पर चिता पर लेटे इस व्यक्ति के शरीर में अचानक हरकत होने लगी और उसकी सांसें चलने लगीं. यह देखकर सभी लोग चकित रह गए और तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे वापस अस्पताल भेजा गया. रात भर भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में भर्ती रखने के बाद शुक्रवार सुबह मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए जयपुर रेफर किया गया. एंबुलेंस से उसे जयपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन उसने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

दरअसल झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में जीवित व्यक्ति को मृत बताने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. झुंझुनूं के बगड़ कस्बे में मां सेवा संस्थान से गुरुवार सुबह रोहिताश नाम के एक व्यक्ति को इमरजेंसी हालत में बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि रोहिताश दिव्यांग था, इलाज के दौरान चिकित्सकों ने रोहिताश को मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में डेड बॉडी को रखवा दिया, इस दौरान डेड बॉडी को लगभग 2 घंटे से अधिक समय तक डीप फ्रीजर में रखा गया,अंतिम संस्कार के दौरान जब चिता पर अग्नि देने का समय आया तो शव वक्त हरकत करने लगा. इसके बाद वहां मौजूद लोग आनन-फानन में रोहिताश को बीडीके अस्पताल मे लाया गया जिसके बाद रोहिताश को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया.

एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: घर में घुसकर सरपंच पर बरसाई थी गोलियां, 9 साल बाद दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

मृत अवस्था में पहुंचा : एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुशील भाटी का कहना है कि सुबह लगभग 4 बजे के बाद रोहिताश नाम के व्यक्ति को अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था और जब चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो उसका हार्ट काम नहीं कर रहा था और ईसीजी स्ट्रेट लाइन आई यानी चिकित्सकों का कहना है कि रोहिताश मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचा था . फिलहाल रोहिताश की डेड बॉडी को मोर्चरी में रखा गया है और पूरी रिपोर्ट आने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा. बताया यह भी जा रहा है कि इससे पहले भी रोहिताश का पोस्टमार्टम किया गया था, हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि कई बार मृत व्यक्ति के शरीर में हलचल दिखाई देती है लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शरीर में किसी भी तरह की हलचल दिखाई नहीं देती.

ये गंभीर लापरवाही है. जिन लोगों की लापरवाही है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में भी डॉक्टर की कार्यशैली की जांच की जाएगी. : रामवतार मीना, जिला कलेक्टर

इस लापरवाही के बाद राज्य सरकार ने तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है. यह निर्णय जिला कलेक्टर रामावतार मीना से प्राप्त रिपोर्ट और जांच के आधार पर लिया गया है. जिन चिकित्सकों को निलंबित किया गया है, उनमें डॉ. संदीप पंचार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल, डॉ. योगेश कुमार जाखड, चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मन्ड्रेला और डॉ. नवनीत मील, चिकित्सा अधिकारी, बीडीके अस्पताल शामिल हैं. निलंबित चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है.

जिला कलेक्टर रामवतार मीना (वीडियो ईटीवी भारत झुंझुनूं)

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निलंबित चिकित्सकों की सेवाएं अब विभिन्न स्थानों पर भेजी जाएंगी. डॉ. संदीप पंचार को मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर, डॉ. योगेश कुमार जाखड को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाड़मेर और डॉ. नवनीत मील को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जालौर के कार्यालय में भेजा जाएगा. इस घटना ने अस्पतालों में लापरवाही की ओर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और इसके बाद विभागीय कार्रवाई को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.

Last Updated : Nov 22, 2024, 1:25 PM IST
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