जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के हाईकोर्ट जाने पर सवाल उठाए थे. इसपर गजेंद्र सिंह ने प्रेस में बयान जारी किया है. उन्होंने सीएम पर पलटवार करते हुए पूछा कि गहलोत सीएम हैं या साजिशकर्ता ? कांग्रेस को भी उन्हें ब्रेक देने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि खुद से तो वे कुर्सी छोड़ेंगे नहीं.
सीएम हैं या साजिशकर्ता ? : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि गहलोत सीएम हैं या साजिशकर्ता? उन्होंने कहा कि अपने अधिकार का दुरुपयोग कर बिना सबूत किसी निरपराध को दोषी साबित करने की कोशिश नहीं करें, क्योंकि न्यायालय ही सच और झूठ का फैसला करता है. शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत मुझे मुल्जिम नहीं मुजरिम साबित करने के षड्यंत्र में अपनी सारी जिम्मेदारियां त्याग कर व्यस्त हैं, जबकि मैं दोनों नहीं हूं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे तनिक भी संदेह नहीं कि न्यायिक प्रक्रिया से मेरा सच तो सामने आएगा ही, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे.
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सीएम को इतना गुस्सा क्यों आता है ? : शेखावत ने पूछा कि गहलोत को इतना गुस्सा क्यों आता है ? उन्हें अपने हर राजनीतिक विरोधी से नफरत क्यों है? उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे रावण अहंकार में चूर होकर अपने विरोधियों, सहयोगियों, अपने भाई, जनता पर क्रोध करता था, सीएम के भी वही लक्षण हैं. मुखिया का इतना गुस्सा राज्य की जनता के लिए हानिकारक है. शेखावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे अपने क्रोध पर काबू नहीं वो राज्य की व्यवस्था को संतुलित ढंग से नहीं चला सकता. शेखावत ने कहा कि सीएम को क्रोध काबू करने के लिए योग, मेडिटेशन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी उन्हें ब्रेक देने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि खुद से तो वे कुर्सी छोड़ेंगे नहीं.
मेरे खिलाफ सारी सीमाएं लांघने को तैयार हैं : शेखावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम गहलोत मेरे खिलाफ सारी सीमाएं लांघने को तैयार रहते हैं. लोकसभा चुनाव में मेरे खिलाफ प्रत्याशी उनके पुत्र थे, लेकिन लड़ाई गहलोत ने लड़ी. उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी सरकार को उनके पीछे लगा दिया है. शेखावत ने कहा कि वे (सीएम गहलोत) अपने रचे हर बुरे खेल में हारते हैं और मैं जनता के समर्थन से उनके सामने सच का सहारा लेकर खड़ा रहता हूं.
बेटे की हार नहीं भुला पा रहे : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी सीएम गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे की हार को अभी तक नहीं भूल पाए हैं, इसलिए वह इस मामले में इतना इंटरेस्ट ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सभी को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए. पुत्र मोह में इस तरह से प्रतिशोध नहीं करना चाहिए कि राजनीति की मर्यादा भूल जाएं. जोशी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बयानबाजी की जा रही है, वह उनके पुत्र मोह में हैं. बेटे की हार को वह अभी तक नहीं पचा पा रहे हैं.
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डीजीपी से मिले जोशी : अलवर में विधायक के साथ हुई मारपीट मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने पुलिस महानिरीक्षक उमेश मिश्रा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. जोशी ने कहा कि अलवर में पुलिस ने एक विधायक के ऊपर लाठीचार्ज किया, इस पूरे मामले की जांच को लेकर बीजेपी से मुलाकात की है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी.
जोशी ने आरोप लगाया कि विधायक एक पत्रकार को बचाने के लिए पुलिस को रोकते हैं. इसपर पुलिस पत्रकार के साथ विधायक पर भी लाठियां बरसाती है. इतना ही नहीं पुलिस को यह जानकारी दी थी कि यह विधायक हैं, इसके बावजूद भी पुलिस ने इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की सख्त कार्रवाई की मांग की है, अगर पुलिस इसमें कोई भी लीपापोती करती है तो आगे की आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.
गहलोत ने उठाए थे सवाल : संजीवनी घोटाले मामले पर हो रही जांच के बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाईकोर्ट में अर्जी लगा कर गिरफ्तारी पर रोक लगवाई है. कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेखावत पर जुबानी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि अगर वह मुजरिम नहीं हैं तो फिर उन्होंने कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक क्यों लगाई? अशोक गहलोत ने यहां तक कहा था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. अगर वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनसे इस्तीफा लेना चाहिए.