जयपुर. लॉकडाउन में पॉस्को के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच बाल अधिकारिता एवं संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि पॉस्को एक्ट में कई गंभीर मामले दर्ज हैं. इन आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही उन्होंने आयोग में लंबित प्रकरणों को भी शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए.
बाल अधिकार संरक्षण कार्यालय में संगीता बेनीवाल ने बच्चों के संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की. सुनवाई में कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना की गई या नहीं इसको लेकर भी फीडबैक लिया गया. सुनवाई में राज्य में बढ़ रहे पॉक्सो को प्रकरणों पर आयोग के स्तर पर कठोर कार्रवाई करने निवेदन पर बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनिता बेनीवाल ने उन्हें आश्वस्त किया. अनिता भदेल ने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जा रही है.
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विगत दिनों में आयोग ने पुलिस विभाग के साथ बेवीनार कर दुष्कर्म के आरोपियों को सख्त कार्रवाई करने और बच्चों से हुई दुष्कर्म की घटनाओं से आयोग को अवगत करवाने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच लगे लॉकडाउन में बच्चियों के साथ में अलग-अलग तरह की प्रताड़ना के मामले सामने आए हैं. जिसमें परिवार के अंदर बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव के केस, बेटे को शिक्षा से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराना लेकिन बच्चियों को वह सुविधाओं से वंचित रखना, बच्चों के साथ में घरेलू हिंसा इसके अलावा जो गंभीर मामले आए हैं, वह अपने पड़ोसी या परिवार के सदस्य द्वारा बच्चों के साथ में शारीरिक प्रताड़ना देना जैसे मामले हैं.
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बाल आयोग के अध्यक्ष अनिता बेनीवाल ने कहा कि कई बालिकाओं ने आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अपनी समस्याओं को अवगत कराया है. आयोग ने उनकी सभी समस्याओं को सुनते हुए उनको आश्वस्त किया है कि उनके साथ न्याय होगा और आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस दौरान आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने आयोग में लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को प्रकरणों को शीघ्र निस्तारण करने की भी निर्देश दिए.