जयपुर. हिमाचल चुनाव में धुआंधार प्रचार कर सचिन पायलट सोमवार को दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर हुई बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बनी कमेटी के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह समेत संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और कमेटी के सदस्य के रूप में सचिन पायलट भी इस बैठक में शामिल हुए. क्योंकि यात्रा अब 3 दिसंबर को राजस्थान में पहुंचने वाली (Bharat Jodo yatra in Rajasthan) है. उसमें भी ज्यादातर हिस्सा सचिन पायलट के प्रभाव वाला पूर्वी राजस्थान है. ऐसे में राजस्थान में आने वाली भारत जोड़ो यात्रा के रूट को लेकर संभवत अंतिम चर्चा हुई.
बताया जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के रूट जिसमें झालावाड़, कोटा, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर जिले आने हैं. उन जिलों में कोई परिवर्तन नहीं होगा. हालांकि यात्रा पहले जिन विधानसभाओं से होकर गुजरने थी, उनमें कुछ बदलाव हो सकता है. लेकिन मुख्य मार्ग यही जिले रहेंगे. उधर हिमाचल प्रदेश में प्रचार करने के बाद सचिन पायलट कल अपनी विधानसभा टोंक के दौरे पर रहेंगे. टोंक में वे दो कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि देने और टोडारायसिंह में चार जगह कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
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साफ है कि पायलट पर अब हर किसी की नजर होगी. क्योंकि राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जो रस्साकशी चल रही है. इस बीच हिमाचल चुनाव में अपना योगदान देकर पायलट वापस लौट आए हैं. पिछली बार जब पायलट 2 नवंबर को जयपुर आए थे, तो उन्होंने मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को मिले कारण बताओ नोटिस पर कार्रवाई नहीं करने की बात को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तंज कसे थे. हालांकि 12 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक उन तीनों नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में अब हर किसी को सचिन पायलट के कल टोंक में होने वाले दौरे का इंतजार रहेगा कि क्या पायलट फिर से अपनी बात को दोहराते हैं या नहीं.