जयपुर. पायलट गुट की ओर से एमएलए पीआर मीणा और अन्य ने स्पीकर नोटिस विवाद मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र दायर किया है. प्रार्थना पत्र में प्रार्थियों ने याचिका में संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों को चुनौती देते हुए केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाए जाने की मांग की है. कहा गया है कि संविधान की 10वीं अनुसूची को ध्यान में रखते हुए अदालत इस मामले में केंद्र सरकार की विधि और न्याय मंत्रालय के सचिव को भी पक्षकार बनाएं.
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गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने मंगलवार को सचिन पायलट की याचिका पर सभी पक्षकारों की बहस पूरी होने के बाद 24 जुलाई को फैसला दिया जाना तय किया है. राजस्थान में जारी सियासी हलचल पर हाई कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को 24 जुलाई तक की मोहलत मिल गई है. हाई कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से कहा कि आप 24 जुलाई तक अपनी कार्रवाई रोक दें. अब हाई कोर्ट 24 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगा.
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सचिन पायलट गुट की ओर से विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई शुरू हुई थी, अब मंगलवार तक सभी पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार दोपहर 12 बजे सुनवाई पूरी हुई.
सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया प्रतिवाद-
सचिन पायलट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवाद दायर किया है. इसमें पायलट की ओर से स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर अपना और अन्य 18 विधायकों का पक्ष रखे बिना आदेश नहीं पास करने की मांग की गई है. दरअसल, सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों के मामले में हाईकोर्ट के रोक आदेश के खिलाफ विधानसभा स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती दी गई है. इसी के मद्देनजर पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवाद दायर किया है.