जयपुर. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह का फार्मूला होने की बात कही जा रही है. हालांकि अब तक वह फार्मूला सामने नहीं आ सका है. इस बीच राहुल गांधी से लंबी मुलाकात कर जयपुर लौटे हरीश चौधरी से शुक्रवार को पहले सचिन पायलट और फिर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मुलाकात की. इसके बाद फिर से राजस्थान की राजनीति में हलचल है.
बहरहाल, अब कांग्रेस नेताओं की दिल्ली दौड़ भी समाप्त हो चुकी है. राजस्थान के सभी नेता जयपुर लौट आए हैं, लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी से लंबी मुलाकात कर जयपुर लौटे हरीश चौधरी से शुक्रवार को पहले सचिन पायलट और फिर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मुलाकात की. इसके बाद फिर से राजस्थान की राजनीति में इस बात को लेकर हलचल है कि क्या पंजाब की तरह राजस्थान में भी हरीश चौधरी, राहुल गांधी के मैसेंजर की भूमिका निभा रहे हैं. इसी कड़ी में चौधरी कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.
हरीश चौधरी का नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ मेंः राजस्थान में एक और तो यह कहा जा रहा है कि अब चुनाव में काफी कम समय बचा है, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. लेकिन दूसरी तरफ राजनीतिक पंडित यह भी कहते नजर आते हैं कि हरीश चौधरी भी सचिन पायलट की तरह ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में बने हुए हैं. ऐसे में आज पायलट और प्रमोद जैन भाया के साथ हुई उनकी मुलाकात को इस नजरिए से ही देखा जा रहा है. हालांकि हरीश चौधरी खुद इस बात से इंकार कर रहे हैं कि वह राजस्थान कांग्रेस या किसी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
पंजाब में राहुल गांधी ने हरीश चौधरी को पर्दे के पीछे रख किया था ऑपरेशन अमरिंदरः हरीश चौधरी को क्यों राहुल गांधी का मैसेंजर कहा जा रहा है, इसके पीछे भी कारण है. दरअसल पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी को कांग्रेस पार्टी ने पंजाब का प्रभारी बाद में बनाया था, पहले राहुल गांधी ने चौधरी को पर्दे के पीछे रख ऑपरेशन पंजाब कांग्रेस को अंजाम दिया था. लगातार दो महीने तक पंजाब कांग्रेस के विधायकों से हरीश चौधरी ने राहुल गांधी से सीधे बात करवाई थी और मैसेंजर का काम किया था. उसीका नतीजा निकला कि अमरिंदर सिंह जैसे मजबूत मुख्यमंत्री को हटाने में कांग्रेस पार्टी कामयाब रही. बाद में चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने में इन्हीं हरीश चौधरी की भूमिका रही थी.