जयपुर. जैसे-जैसे चुनाव आते हैं तो नेता लोगों से बहुत सारे वायदे करते हैं और जैसे ही चुनाव परिणाम आता है उसके बाद उन वायदों को भूला दिया जाता है. 32 साल से मौत की घाटी में करीब 100 से ज्यादा परिवार रहने को मजबूर हैं. सालों बाद भी इनको आज तक आशियाना नहीं मिला और देर रात को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने सबको हिला दिया.
दरअसल जैतपुरा पंचायत के अधीन आने वाली बंजारा बस्ती में देर रात को पहाड़ से चट्टान टूट कर गिरी तो चीख-पुकार मच गई. लोग दहशत के मारे इधर-उधर भागने लगे. मामले की सूचना मिलते ही आस-पास के लोग भी एकत्र हो गए. लेकिन प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.
यह तो गनीमत रही कि थानाधिकारी हेमराज सिंह गुर्जर खुद मौके पर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद में घायल महिला को मलबे के नीचे से बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया. प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने के बाद बंजारा बस्ती के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. बंजारा बस्ती के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
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बता दें कि प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं आने पर बंजारा समाज के लोगों ने अब मतदान का बहिष्कार करने की बात कही है. उन्होंने कहा हमें आवास के पट्टे नहीं मिलते हैं तो हम मतदान नहीं करेंगे. इतना सब कुछ होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचे. प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुड गवर्नेंस को लेकर समय-समय पर उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हैं. लेकिन इस तरह के लापरवाह अधिकारी कर्मचारी संवेदनशील मुख्यमंत्री के निर्देशों को भी धत्ता बता देते हैं. ऐसे में सवाल उठता है की प्रदेश में कैसे गुड गवर्नेंस स्थापित होगी. जरूरत इस बात की है कि ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई होनी चाहिए.