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बिना लोक अदालत के दिए गए अधिक वेतन की होगी रिकवरी

राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि पिछले 3 माह में जिन कर्मचारियों को लोक अदालत के मध्य में दो-दो दिन के वेतन का अतिरिक्त भुगतान हुआ है, उसकी रिकवरी की जाए.

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Published : Jun 2, 2020, 3:13 AM IST

Excess salary recovery, Additional payment during Lok Adalat
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि पिछले 3 माह में जिन कर्मचारियों को लोक अदालत के मध्य में दो-दो दिन के वेतन का अतिरिक्त भुगतान हुआ है, उसकी रिकवरी की जाए.

रजिस्ट्रार जनरल की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से हर माह के आखिरी सोमवार को लोक अदालत आयोजित करने के निर्देश दिए जाते हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते अधीनस्थ अदालतों में 17 मार्च से सिर्फ जरूरी मुकदमों की सुनवाई हो रही है.

पढ़ें- लॉकडाउन 5.0 में सचिवालय के लिए कार्मिक विभाग ने जारी की गाइडलाइन, 30 जून तक आमजन के प्रवेश पर रहेगी रोक

वहीं, बीते 3 माह में लोक अदालत भी आयोजित नहीं हुई. इसके अलावा प्रोटोकॉल अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ मुंसरिम सहित निजी सहायक राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में इन्हें भी लोक अदालत का पारिश्रमिक नहीं मिल सकता.

जिसके चलते अगर कर्मचारियों को लोक अदालत के पारिश्रमिक के तौर पर अतिरिक्त भुगतान हुआ है, तो उसकी रिकवरी की जाए. गौरतलब है कि गत दिनों डीजे सिटी ने हाईकोर्ट प्रशासन को पत्र लिखकर कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान होने की जानकारी दी थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं कि पिछले 3 माह में जिन कर्मचारियों को लोक अदालत के मध्य में दो-दो दिन के वेतन का अतिरिक्त भुगतान हुआ है, उसकी रिकवरी की जाए.

रजिस्ट्रार जनरल की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से हर माह के आखिरी सोमवार को लोक अदालत आयोजित करने के निर्देश दिए जाते हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते अधीनस्थ अदालतों में 17 मार्च से सिर्फ जरूरी मुकदमों की सुनवाई हो रही है.

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वहीं, बीते 3 माह में लोक अदालत भी आयोजित नहीं हुई. इसके अलावा प्रोटोकॉल अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ मुंसरिम सहित निजी सहायक राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में इन्हें भी लोक अदालत का पारिश्रमिक नहीं मिल सकता.

जिसके चलते अगर कर्मचारियों को लोक अदालत के पारिश्रमिक के तौर पर अतिरिक्त भुगतान हुआ है, तो उसकी रिकवरी की जाए. गौरतलब है कि गत दिनों डीजे सिटी ने हाईकोर्ट प्रशासन को पत्र लिखकर कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान होने की जानकारी दी थी.

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