जयपुर. कर्नल केसरी सिंह को आरपीएससी सदस्य बनाए जाने के फैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी गलती मानी. गहलोत के इस बयान के बाद विपक्ष का हमला तेज हो गया. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हर गलती कीमत मांगती है. ऐसी क्या मजबूरी थी आचार संहिता के लगने के समय करनी पड़ी. नियुक्ति और फिर माफी मांगनी पड़ी. सीएम गहलोत का बयान दर्शाता है कि पेपर लीक की वजह से जिन युवाओं का भविष्य खराब हुआ है. उसके जिम्मेदार स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं.
आचार संहिता के समय नियुक्तियां?: राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हर गलती सजा मांगती है. आखिरकार कब तक गलतियों पर गलतियां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे. गहलोत ने पहले महाभ्रष्ट आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की नियुक्ति करके गलती की. इसी प्रकार डीपी जारोली की नियुक्ति करके गलती की, जिसे बर्खास्त करना पड़ा. एक तरफ आदर्श आचार संहिता लग रही थी. वहीं दूसरी तरफ आप राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संवैधानिक तंत्रों का बेजा इस्तेमाल कर नियुक्तियों की रेवड़ियां बांट रहे थे.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान पूछ रहा है कि आपकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि आपको आचार संहिता के समय नियुक्तियां करनी पड़ी. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 70 लाख युवाओं के साथ धोखा हुआ है. पेपरलीक की घटनाएं इस सरकार पर बदनुमा दाग हैं. जिस आरपीएससी की साख थी, उसे नष्ट कर दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान ये दर्शाता है कि प्रदेश में 70 लाख युवाओं का जो भविष्य पेपर लीक की वजह से खराब हुआ है. उसके जिम्मेदार स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं.
ये कहा था सीएम गहलोत ने: बता दें कि शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत आरपीएससी में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति को लेकर कहा था कि ये उनसे गलती हुई है. हमने तो आर्मी का बैकग्राउंड देखकर केसरी सिंह को आरपीएएस मेंबर बनाया था, लेकिन आरपीएससी मेंबर बनने के बाद शिष्टाचार के नाते मिले भी नहीं है. हमने प्रयास किया, उन्हें वापस बुलाकर बातचीत करें, वह अभी आ नहीं रहे हैं. गहलोत ने कहा कि उनके पुराने बयान देखकर मुझे बहुत दुख हुआ. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई और मेरे से हो गई. हमारा लालच भी था कि हमारी मकराना की सीट खराब क्यों हो. दरअसल, राठौड़ मकराना से ही हैं और यहां से निर्दलीय विधायक रूपा राम हैं. 2018 में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी.