जयपुर. पूर्व नेता प्रतिपक्ष और स्ट्रीट एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने सोमवार को राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रखी. पूर्व नेता प्रतिपक्ष के इस मांग ने प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी है. दरअसल, रामेश्वर डूडी ने प्रदेश के सबसे बड़े समुदाय जाट समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रखते हुए, पार्टियों को सबसे बड़े वर्ग को इग्नोर नहीं करने की सलाह दी. रामेश्वर डूडी ने कहा कि जाट समाज अपना हक और अधिकार लेना जानता है ओर वो यह अपना अधिकार लेकर रहेगा.
दरअसल, राजधानी जयपुर में हुए जाट महाकुंभ में भी डूडी ने यह मांग रखी थी और डूडी का कहना हैं कि वह अपनी मांग आज भी कायम हैं. किसान का बेटा मुख्यमंत्री होना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान कौम में 36 कौम आती है, उसमें भी सबसे बड़ा वर्ग जाट समाज है और हमारी मांग है कि आने वाले समय में जाटों को मुख्यमंत्री के रूप में हक और अधिकार मिले. डूडी ने कहा कि जाटों को यह हक और अधिकार देना चाहिए कि जाट समाज का मुख्यमंत्री बने. रामेश्वर डूडी ने कहा कि सबसे बड़ा वर्ग जाट समाज है और हम यह चाहते हैं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए जिससे कि दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा.
स्ट्रीट एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि जाट समाज बहुत बड़ा समुदाय है और इस समुदाय से मुख्यमंत्री बनाये जाने की लंबे समय से मांग चली आ रही है. प्रदेश का जाट समाज लंबे समय से यह मांग कर रहा है, जो उनका हक और अधिकार है, उसी हक और अधिकार के आधार पर आने वाले समय में जाट समुदाय अपना हक और अधिकार लेगा. उन्होंने कहा कि जाट किसी से मांग नहीं रहा है, क्योंकि वह अपना हक और अधिकार लेना जानता है आने वाले समय में वह अपना हक और अधिकार लेगा.
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कांग्रेस नेता डूडी ने कहा कि जाट समाज की इस मांग को मैंने पार्टी के नेताओं के भी सामने रखा है, अब इस मांग पर पार्टी क्या निर्णय लेती है यह पार्टी सोचे, लेकिन इतने बड़े वर्ग को आप इग्नोर नहीं कर सकते, जो वर्ग 35 कौम को साथ लेकर चलता है. क्योंकि 1 कौम तो जाटों की खुद की है और बाकी कौम भी चाहती हैं कि इस बड़े वर्ग को मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. बता दें कि जाट समाज लंबे समय से प्रदेश में आबादी के लिहाज से एससी वर्ग के बाद सबसे बड़ा वर्ग बताते हुए अपने लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करता रहा है, लेकिन अब तक ये मांग जाट समाज के सामाजिक नेताओं की ओर से सामने आती रही है. वहीं, अब ये मांग कांग्रेस के प्रमुख जाट नेता ने उठा दी है, जो बीकानेर जिले की नोखा विधानसभा के जसरासर में 26 अप्रैल को बड़ा किसान सम्मेलन करवाकर अपनी ताकत दिखा चुके हैं.