जयपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लेकर प्रदेश की सियासत में इन दिनों बयानबाजी तेज है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शेखावत एक-दूसरे पर जमकर जुबानी हमला बोल रहे हैं. इस बीच में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत को घेरा है. राठौड़ ने एक श्लोक के जरिए कहा कि ’पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे.’ गहलोत पहले अपने मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्टाचार पर संज्ञान लेकर उन्हें बर्खास्त करें और नजीर पेश करें.
राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि ’पर उपदेश कुशल बहुतेरे, जे आचरहिं ते नर न घनेरे.’ यानी दूसरों को उपदेश देना आसान है, लेकिन खुद उस पर अमल करना मुश्किल है. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले स्वयं की पार्टी के नेता सचिन पायलट, रामनारायण मीणा, भरत सिंह, दिव्या मदेरणा और वेद प्रकाश सोलंकी सहित अन्य विधानसभा सदस्यों की ओर से सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करनी चाहिए. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से शेखावत के इस्तीफे की मांग करने की बजाय पहले अपने मंत्रिमंडल के आधा दर्जन मंत्रियों पर खुद की पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा सार्वजनिक मंचों से लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेकर उन्हें बर्खास्त कर जनता के समक्ष नजीर पेश करनी चाहिए.
संजीवनी घोटाले के आरोपः बता दें कि सीएम गहलोत लगातार संजीवनी घोटाले का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने या फिर प्रधानमंत्री को ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. गहलोत ने तो यहां तक कह दिया कि शेखावत विदेशों में एकत्रित की गई अपनी संपत्ति बेचकर संजीवनी घोटाले के पीड़ितों को पैसा देंगे. इतना ही नहीं सीएम शुक्रवार को तो सीएम गहलोत ने यहां तक कह दिया कि संजीवनी घोटाले में जैसे अन्य आरोपी जेल में हैं, वैसे ही जल्द गजेंद्र सिंह शेखावत भी जेल जा सकते हैं.