जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरुवार से न तो क्लासेस लगेंगी और न ही प्रशासनिक काम होगा. बिना शर्त ओपीएस लागू करने की मांग कर रहे यूनिवर्सिटी के शिक्षक और कर्मचारियों ने शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. ओपीएस लागू करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से रखी गई शर्त का राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालय और जेसीटीएसएल, जयपुर मेट्रो जैसी ऑटोनॉमस बॉडीज के करीब 7500 शिक्षक और कर्मचारी विरोध जता रहे हैं. विरोध के इस क्रम में अब ओल्ड पेंशन संघर्ष समिति ने यूनिवर्सिटी में कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है.
अलग-अलग नियमों का पेंच फंसा : राज्य के सरकारी कर्मचारियों पर ओपीएस का लाभ देने के लिए लागू किए गए अलग-अलग नियमों का अब पेंच फंस गया. दरअसल, बजट 2022 में 1 जनवरी 2004 के बाद लगे हुए राज्य के सभी कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करने का फैसला लिया था, लेकिन प्रदेश के राजकीय यूनिवर्सिटी और ऑटोनोमस बॉडी के शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने में शर्त रखी गई है. इसके तहत इन संस्थाओं के 1 जनवरी 2004 के बाद के जो सेवारत कार्मिक एनपीएस सब्सक्राइबर हैं, उन्हें एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन की समस्त राशि सम्बंधित संस्था के पेंशन निधि खाते में जमा करानी होगी.
शिक्षकों और कर्मचारियों की मांग : इसमें पहले 12% ब्याज का नियम भी लागू था, जिसे हटाया गया है, लेकिन शिक्षकों और कर्मचारियों की मांग है कि सरकार बिना किसी शर्त के अन्य राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर उन्हें भी ओपीएस का लाभ दे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, तब तक शिक्षक और कर्मचारियों की ओर से कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
उधर, जेसीटीएसएल एम्प्लाईज यूनियन-एटक ने भी पुरानी पेंशन योजना बिना शर्त लागू करने की मांग को लेकर लगातार दूसरे दिन धरना दिया गया. आपको बता दें कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी, बिजली निगम, जेसीटीएसएल, मेट्रो, आरटीडीसी, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, वेटरनरी विश्वविद्यालय, जेसीटीएसएल, आरयूएचएस समेत कई संस्थाओं के कर्मचारी इस नियम के दायरे में है.