जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने साफ कर दिया है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का सिलेबस भी कम किया जाएगा. डोटासरा ने जानकारी दी कि इस बार वर्किंग डे कम हों रहे हैं तो ऐसे में सिलेबस कम होगा. वहीं CBSE के सिलेबस में से धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीयता के पाठ हटाने पर उन्होंने कहा कि BJP का चुनाव जीतने के लिए और पढ़ाई के लिए अलग एजेंडा होता है.
मानव संसाधन विभाग की ओर से सीबीएसई के सिलेबस में 30 प्रतिशत की कमी की गई है. अब राजस्थान में भी इसकी कवायद शुरू हो गई है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का सिलेबस भी इस बार कोविड-19 के कहर के चलते कम होगा. इस मामले में राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की स्कूलों के वर्किंग-डे सिलेबस के हिसाब से होते हैं. साथ ही सिलेबस के हिसाब से ही वर्किंग डे फिक्स किए जाते हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण के कारण पढ़ाने के दिन निश्चित कम होंगे. एक महीना जुलाई का बीत चुका है.
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समीक्षा आने के बाद होगा अंतिम निर्णय
ऐसे में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और RSCERT को विभाग को यह लिखा गया है कि जो समय कम होगा, उसमें शैक्षणिक कैलेंडर पूरा हो सकता है या नहीं, इसकी वो समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि कितना कोर्स कम किया जाएगा और कौन से हिस्से को हटाया जाएगा.
मोदी सरकार पर साधा निशाना
MHRD (मानव संसाधन मंत्रालय) की गाइडलाइन के अनुसार सीबीएसई ने 11वीं कक्षा की राजनीति शास्त्र की किताब में से नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीयता के पाठ हटा दिए हैं. जिसे लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय ने जो फैसला किया है, उसमें मोदी की सरकार का जो चुनाव का एजेंडा था, उसकी पोल खोल दी है.
वह मुद्दे जिन के आधार पर मोदी सरकार बनी थी, जिनको हाईलाइट करके यह कहा गया था कि हम राष्ट्रवादी लोग हैं, CAA का कानून लेकर आए हैं, नोटबंदी लागू करना अच्छा फैसला था. इन सब बातों को कोर्स से हटा लेना यह बताता है कि अब मोदी सरकार की हकीकत जनता समझ चुकी है. एनडीए और मोदी सरकार चुनाव जीतने के लिए जो एजेंडे लाती है, उसका धरातल पर कोई मतलब नहीं रहता है.
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डोटासरा ने कहा कि जब मोदी सरकार नोटबंदी को नहीं पढ़ाना चाहती है. सीएए को नहीं पढ़ाना चाहती है और धारा 370 में क्या था और वर्तमान सरकार ने उस में क्या परिवर्तन किया यह बताना ही नहीं चाहती है तो स्पष्ट है कि जो राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है, वह बात अब बिल्कुल साफ हो गई है.