जयपुर. राजस्थान राजस्व सेवा परिषद ने गुरुवार को गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया, साथ ही मांगें नहीं मानने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी. राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के पदाधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. राजस्थान राजस्व सेवा परिषद में राजस्थान पटवार संघ, राजस्थान कानूनगो संघ राजस्थान, राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद का सामूहिक संगठन है. अपनी मांगों को लेकर यह संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहा है. इनका सरकार के साथ लिखित समझौता हुआ और कुछ मांगें भी मान गईं, लेकिन इनके अधिकतर मांगे अभी तक लंबित पड़ी हैं.
राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कविया ने बताया कि हम 5 साल से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगे अब तक अधूरी है हाल ही में हमने 6 महीने तक सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया. सरकार ने साजिश के तहत हमारे साथ एक समझौता किया. हमारी मुख्य मांग 3600 ग्रेड पे की थी, लेकिन सरकार ने हमारे लिए वरिष्ठ पटवारी का एक नया पद सृजित कर दिया. वरिष्ठ पटवारी का पद सृजित करने के समर्थन में हम कभी भी नहीं थे.
नरेंद्र कविया ने कहा कि हालांकि कर्मचारी संगठनों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई सौगातें दी हैं, लेकिन राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया गया है. आंदोलन के दौरान सरकार से हमारी कई स्तर पर वार्ता हुई और ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हो पाई. 9, 18, 27 साल की पदोन्नति में भी हमारे साथ भेदभाव किया गया है. पहले पटवारी 9 साल की सेवा पूरी करने के बाद पटवारी ग्रेड पे 3600 पर पहुंच जाता था, लेकिन अब 9 साल की सेवा पूरी करने के बाद उसे 2800 ग्रेड पे ही मिलेगी.
उन्होंने कहा कि राजस्थान पटवार संघ की मुख्य मांग यही है कि पटवारी के पद को तकनीकी पद घोषित किया जाए, साथ ही वेतनमान ग्रेड पे 2800 निर्धारित करे. वरिष्ठ पटवारी का पद भी विलोपित किया जाए. कविया ने कहा कि राजस्व के सभी पदों का कैडर भी पुनर्गठित किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी कर्मचारियों को पदोन्नति के समुचित अवसर दे रखे हैं, लेकिन राजस्व से परिषद के जुड़े हुए पटवारी, भूअभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के पदों की पदोन्नति समय पर नहीं होती है.
नरेंद्र कविया ने कहा कि लिखित समझौता होने के बाद भी सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो राजस्थान राजस्व सेवा परिषद से जुड़े हुए सभी संगठन सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. इसके लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम भी दिया है. राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद के पदाधिकारी हनुत सिंह रावत ने बताया कि हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और हर बार हमें एक झुनझुना पकड़ा दिया जाता है. लिखित समझौते की भी पालना अब तक नहीं हो पाई है.
हाल ही में सरकार ने नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित पद घोषित किया है, उसके लिए हम सरकार के आभारी हैं. जो पद भरे गए हैं वह भी तकनीकी रूप से खाली हैं. आज अधिकारी अपनी आगे की एक पोस्ट का काम कर रहा है. नियमित रूप से तहसीलदारों की पदोन्नति नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि हम तहसीलदार सीधी भर्ती से चुनकर आते हैं, लेकिन जब हमें पोस्टिंग दी जाती है तो हमें नायब तहसीलदार के पद पर लगाया जाता है. हमें तहसीलदार बनने के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ता है. इससे पदों में कई तरह की विसंगतियां पैदा हो गई हैं. इस दौरान राजस्थान कानूनगो संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पाल सिंह चौहान सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
राजस्व सेवा परिषद की मुख्य मांगें :
- पटवारी पद को तकनीकी पद घोषित कर पटवारी पद का वेतनमान 2800 रुपये किया जाए. साथ ही वरिष्ठ पटवारी का पद भी विलोपित किया जाए.
- पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार का कैडर पुनर्गठन किया जाए. आवश्यकता होने पर नए पद सृजित किए जाएं. भूअभिलेख निरीक्षक व पटवारी के पदों का फील्ड में 1:3 के अनुसार गठन किया जाए.
- आरएएस कैडर का रिव्यू करवाने तथा तहसीलदार से आरएएस के जूनियर स्केल में रिक्त पदों को डीपीसी तथा पदोन्नति से भरे जाने की मांग की.
- पटवारी और भूअभिलेख निरीक्षक के लिए स्थाई स्पष्ट स्थानांतरण की नीति बनाई जाए.
- तहसीलदार के स्वीकृत पदों में से 50% पदों पर सीधी भर्ती और 50% पदों पर नायब तहसीलदार व मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति का आनुपातिक रूप से पुनः निर्धारण किया जाए.
- नायब तहसीलदार के 100% स्वीकृत पदों पर भूअभिलेख निरीक्षक की पदोन्नत किया जाए तथा सीधी भर्ती से राजस्थान तहसीलदर सेवा को तहसीलदार पद पर सीधे ही नियुक्ति के लिए प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाए.